OBC कोटे को दोगुना करने की तैयारी में कमलनाथ सरकार

 आम चुनाव से पहले मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आरक्षण को लेकर बड़ा ऐलान करने जा रहा है। जानकारी के मुताबिक मध्यप्रदेश की सरकार राज्य में अन्य पिछड़ा वर्गों यानी OBC कोटे को दोगुना करने की तैयारी है। कमलनाथ सरकार राज्य में OBC कोटे के तहत मिलने वाले को 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी करने की तैयारी है। इसके साथ ही कमलनाथ सरकार सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े नागरिकों के लिए राज्य सरकार सरकारी नौकरियों में 10 फसीदी आरक्षण के प्रावधान भी जल्द लागू करने का ऐलान किया है। कमलनाथ सरकार के इस कदम के बाद राज्य में कुल कोटा 70 फीसदी से अधिक हो जाएगा।  मुख्यमंत्री कमलनाथ का  ने कहा कि राज्य में  15 सालों तक सत्ता में रहने के बावजूद बीजेपी इस वर्ग के कोटा को बढ़ा नहीं सके। लेकिन हमारी सरकार ने ओबीसी कोटे को बढ़ाकर 27 फीसदी करने का फैसला किया है।’

लगे हाथों मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य में खाली पड़ी 60 हजार सरकारी नौकरियों को भी जल्द भरने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि, ‘मैं इसके साथ ही युवाओं से छोटे उद्योग खोलने तथा सरकार की युवा स्वाभिमान योजना का लाभ उठाने की भी अपील करता हूं, जिसके तहत 100 दिनों तक काम और 4 हजार रुपये मासिक वेतन पाने की योजना है। कांग्रेस सरकार ने इसके साथ ही सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 7 से बढ़ाकर 9 प्रतिशत कर दिया है।’

इसके साथ ही कमलनाथ सरकार ने राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं, टैक्स में छूट और अन्य सहायता का लाभ उठाने वाले उद्योगों के लिए नौकरियों 70 फीसदी रोजगार स्थानीय लोगों को देना भी अनिवार्य कर दिया है। मध्य प्रदेश सरकार के फैसले के मुताबिक राज्य में लगने वाले उद्योगों में 70 फीसदी स्थानीय यानी मध्य प्रदेश के मूल निवासी होना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके तहत अब शासकीय योजनाओं, टैक्स में छूट का फायदा उद्योगपति तभी उठा पाएंगे जब वो 70 फीसदी रोजगार मध्य प्रदेश के लोगों को देंगे। लेकिन मध्य प्रदेश के बाहर से आकर पढ़ने और नौकरी की उम्मीद लगाए बैठे लोगों को ये फैसला रास नहीं आ रहा। हालांकि राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी ने कमलनाथ सरकार से सवाल पूछा है कि उद्योग ही नहीं तो नौकरी कैसे दोगे ?

आपको बता दें कि पिछले साल 17 दिसंबर को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के कुछ ही घंटे बाद कमलनाथ ने भोपाल में कहा था कि बिहार, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के लोगों के कारण मध्य प्रदेश में स्थानीय लोगों को नौकरी नहीं मिल पाती। इसके बाद काफी विवाद हुआ था लेकिन उसके बाद भी कमलनाथ सरकार ने अपने कदम पीछे नहीं हटाए और वचनपत्र में किया एक और वचन पूरा किया।