परमाणु हथियारों इस देश पर हमला कर साथ है किम जोंग , सनक में अंधा हुआ

उत्तर कोरिया ने आखिरी बार 2017 में परमाणु परीक्षण किया था. इसने कहा था कि परीक्षण के दौरान पुंगगी-री स्थित देश की न्यूक्लियर टेस्ट साइट तबाह कर दी गई.

परमाणु हथियारों को तैयार करने पर रोक लगाने के लिए होने वाली बातचीत दो वर्ष रुकी हुई है. उत्तर कोरिया की मांग है कि उसके ऊपर से प्रतिबंधों को हटाया जाए. लेकिन अमेरिका का कहना है कि उत्तर कोरिया को पहले परमाणु हथियारों के लिए अपनी लालसा को खत्म करना चाहिए.

स्वतंत्र प्रतिबंधों की निगरानी ने पिछले महीने कहा था कि उत्तर कोरिया ने 2020 तक अपने परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों को बनाए रखा और विकसित किया था. इसके लिए साइबर-हैक के माध्यम से चुराए गए 300 मिलियन डॉलर का प्रयोग किया गया. गौरतलब है कि उत्तर कोरिया पर 2006 से ही प्रतिबंध लगे हुए हैं.

उत्तर कोरिया ने दावा किया कि ये इस बात का सबूत है कि देश ने परमाणु परीक्षणों को समाप्त कर दिया है. वहीं, इस साल दिसंबर में अपने शासन के 10 साल पूरा करने वाले किम जोंग उन ने अब कहा है .

देश को परमाणु हथियारों को बनाने को फिर से शुरू करना चाहिए. जनवरी में उत्तर कोरिया ने कुछ छोटी मिसाइलों का परीक्षण किया. इन्हें सबमरीन-लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल माना गया.

IAEA के महानिदेशक राफेल ग्रॉसी (Rafael Grossi) ने वियना बेस्ड एजेंसी के बोर्ड ऑफ गवर्नरों से मुलाकात के बाद कहा, DPRK के परमाणु कार्यक्रम की निरंतरता संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का स्पष्ट उल्लंघन है.

इसे लेकर हमें बेहद खेद है. बता दें कि उत्तर कोरिया को आधिकारिक रूप से कोरिया लोकतांत्रिक गणराज्य (DPRK) के रूप में जाना जाता है. ग्रॉसी ने आगे कहा, IAEA उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम को सत्यापित करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए अपनी तत्परता को तेज कर रहा है.

संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के प्रतिबंधों के बावजूद भी उत्तर कोरिया (North Korea) ने अपने परमाणु कार्यक्रम (Nuclear Programme) को जारी रखा है.

अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने इसकी जानकारी दी है. एजेंसी ने कहा है कि परमाणु हथियारों (Nuclear Weapons) को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं. गौरतलब है कि दो साल से अधिक समय से परमाणु हथियारों के उत्पादन को लेकर चलने वाली बातचीत रुकी हुई है.  वहीं, देश के शीर्ष नेता और तानाशाह किम जोंग उन (Kim jong Un) देश को परमाणु शक्ति से संपन्न मुल्क के तौर पर देखना चाहते हैं.