अब सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने के लिए स्त्रियों को करना होगा ये…

बिंदु अम्मिनी (Bindu Ammini) 2 जनवरी, 2019 की प्रातः काल अपनी मित्र कनकदुर्गा (Kanakadurga) के साथ दक्षिण हिंदुस्तान के जंगलों से घिरे इलाके में खड़ी चढ़ाई के अच्छा नीचे खड़ी थीं दोनों दोस्‍त इतिहास रचने से महज 3 किमी दूर थे

करीब दो घंटे बाद अलसुबह 3.45 बजे दोनों सबरीमाला मंदिर (Sabarimala Temple) में प्रवेश करने पहली स्त्रियों का रिकॉर्ड बनाने वाली थीं इससे पहले उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने 28 सितंबर 2018 को हर आयु की स्त्रियों को मंदिर में प्रवेश की इजाजत देने वाला निर्णय दिया था इसके बाद अक्‍टूबर, 2018 में दर्जनों स्त्रियों ने मंदिर में प्रवेश की प्रयास तो की, लेकिन विरोध  उन पर नारियल फेंके जाने के कारण उन्‍हें सफलता नहीं मिल पाई दरअसल, भगवान अय्यपा के मंदिर में 10 से 50 वर्ष के आयुवर्ग की बच्चियों और स्त्रियों को प्रवेश की अनुमति नहीं थी

दोनों के प्रवेश के बाद पुजारियों ने मंदिर का शुद्धिकरण किया 
बिंदू अम्मिनी की इस यात्रा के वीडियो में दो स्त्रियों को लंबे काले गाउन में एक मेहराब से गुजरते हुए दिखाया गया है पेशे से एडवोकेट 40 वर्षीय अम्मिनी ने कैमरे पर बताया कि उनकी यात्रा बहुत अच्‍छी रही इसके कुछ घंटे बाद लोग जागे  दोनों का विरोध प्रदर्शन (Protest) प्रारम्भ हो गया केरल में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस (Police) पर देसी बमों (Crude Bombs) से हमला कर दिया इस झड़प में एक व्‍यक्ति की मृत्यु हो गई, जबकि दर्जनों घायल हुए इस मुद्दे में 3,000 से ज्‍यादा लोगों को अरैस्ट (Arrested) किया गया बिंदु  कनकदुर्गा के भगवान अय्यपा की पूजा करने के कुछ घंटों बाद एक पुजारी ने सबरीमाला मंदिर को बंद कर दिया इसके बाद जल छिड़कर मंदिर का शुद्धिकरण (Purification) किया गया इससे साफ होता है कि मासिक धर्म की आयु के दौरान स्त्रियों को मंदिर में प्रवेश की पाबंदी आस्‍था से जुड़ा मुद्दा है