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नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि रविवार को नशीले पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए सरकार सख्त है। मोदी सरकार पैसे के लालच में युवाओं को नशे की लत में धकेलने वाले नशा तस्करों के खिलाफ कार्रवाई में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
एक्स पर एक पोस्ट में अमित शाह ने लिखा कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ड्रग-मुक्त भारत बनाने के लिए निर्मम और सावधानीपूर्वक जांच के साथ नशीली दवाओं के खतरे का मुकाबला करना जारी रखने का संकल्प लेती है। नीचे से ऊपर और ऊपर से नीचे की रणनीति के साथ अचूक जांच के परिणामस्वरूप भारत भर में 12 अलग-अलग मामलों में 29 ड्रग तस्करों को अदालतों ने दोषी ठहराया है। मोदी सरकार की नशीली दवाओं के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति का पालन करते हुए नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है।
केंद्रीय गृह मंत्री के ट्वीट के बाद एक प्रेस विज्ञप्ति में गृह मंत्रालय ने कहा कि शाह के मार्गदर्शन में एनसीबी 2047 तक नशा मुक्त भारत के प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने के लिए अथक प्रयास कर रहा है। विज्ञप्ति में सरकार की ओर से की गई कार्रवाइयों की जानकारी दी गई है। इसमें उन 12 मामलों का ब्योरा दिया गया है, जिनमें अदालत ने सजा सुनाई। इसमें 2019 में गुजरात के अहमदाबाद में साबरमती रेलवे स्टेशन पर 23.859 किलोग्राम चरस के साथ तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया और 14 साल जेल की सजा सुनाई गई।
इसके बाद जुलाई 2022 में मध्य प्रदेश के मंदसौर में एनसीबी ने शहडोल में 123.080 किलो गांजा जब्त किया। मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया और प्रत्येक को 2 लाख रुपये के जुर्माने के साथ 12 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई। चंडीगढ़ जोन में एनसीबी के अधिकारियों ने लुधियाना के डीएचएल एक्सप्रेस में 438 ग्राम अफीम से भरे दो हॉकी स्टिक वाले पार्सल को रोका था। इसमें गिरफ्तार दो आरोपियों को अफीम को कनाडा ले जाने के प्रयास में उनकी भूमिका के लिए पंजाब की एक अदालत ने तीन साल कैद की सजा सुनाई थी।