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नदियों के कटाव से दुनिया के लाखों लोगों पर खतरा, रास्ता बदलने से संपत्तियों को होता है बड़ा नुकसान

नई दिल्ली:नदियों से होने वाले विनाशकारी कटाव से दुनिया भर में लाखों लोगों पर खतरा मंडरा रहा है। बाढ़ की घटनाओं का प्रभाव व्यापक, दीर्घकालिक और अत्यधिक महंगा हो सकता है। कटाव से खेत, बुनियादी ढांचे, आवास आदि जैसी संपत्तियों को बड़ा नुकसान हो सकता है।

एक नए शोध के जरिये शोधकर्ताओं ने नदियों से होने वाले कटाव की घटनाओं के बारे में अहम जानकारी हासिल की है, जिससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि नदियां कब और कहां अचानक अपना रास्ता बदल सकती हैं। यह महत्वपूर्ण अध्ययन उस प्रक्रिया पर प्रकाश डालता है जिसने विनाशकारी बाढ़ ने मानव इतिहास को आकार दिया और अब यह दुनियाभर में लाखों लोगों के लिए खतरा बना हुआ है।

इंडियाना यूनिवर्सिटी के अध्ययनकर्ताओं के टीम ने उपग्रह तकनीकों का उपयोग करते हुए मानचित्रण किया कि किस प्रकार जमीन के कुछ हिस्से नदियों के उफान को तेज करते हैं। घनी वनस्पतियों के कारण नदी के चारों ओर के हिस्सों को मापना कठिन और समय लेने वाला है। अध्ययन के नतीजे नेचर पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं।

174 नदी के कटाव का किया गया विश्लेषण
शोधकर्ताओं ने पिछले कई दशकों में नदियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए उपग्रह इमेजरी का उपयोग करते हुए दुनियाभर में 174 नदी कटावों के आंकड़ों का विश्लेषण किया। अध्ययनकर्ताओं ने खुलासा किया कि नदियों के मध्य हिस्सों की तुलना में पर्वत श्रृंखलाओं और तटीय क्षेत्रों के पास कटाव अधिक आम है। इनमें से 74 प्रतिशत कटाव पर्वतीय मोर्चों या तटरेखाओं के पास हुए।यह ऐसे क्षेत्र हैं जहां तलछट जल्दी से जमा हो जाती है। इसके अलावा स्थलाकृतिक के आंकड़ों का उपयोग करके शोधकर्ताओं ने एक नया मॉडल विकसित किया है, जिसे वे अवलशन कॉरिडोर कहते हैं।

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