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LIC ने इस बैंक में बढ़ाई हिस्सेदारी; वित्त मंत्री ने जी-20 समूह के सदस्य प्रो. स्टर्न से की मुलाकात

बैक ऑफ महाराष्ट्र के लिए अच्छी खबर है। एलआईसी ने इस बैंक में अपनी हिस्सेदारी को बढ़ा दिया है। कॉर्पोरेशन ने इसकी जानकारी खुद एक्सचेंज फाइलिंग में दी है। एलआईसी के मुताबिक हिस्सेदारी में ये बढ़त क्यूआईपी के जरिए शेयर अलॉटमेंट के बाद देखने को मिली है। इस बढ़त के साथ ही बैंक ऑफ महाराष्ट्र में एलआईसी की हिस्सेदारी 4.05 फीसदी से बढ़कर 7 फीसदी के पार पहुंच गई है। शुक्रवार के कारोबार में एलआईसी का स्टॉक करीब आधा फीसदी की बढ़त के साथ बंद हुआ है।

क्यूआईपी के जरिए जुटाए पैसे
एलआईसी ने शेयर बाजार को भेजी जानकारी के तहत कहा कि क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (क्यूआईपी ) के तहत कॉर्पोरेशन को 25.96 करोड़ शेयर अलॉट हुए हैं, जो कि 3.376 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर हैं। ये अलॉटमेंट 57.36 रुपये प्रति शेयर के भाव पर अलॉट किए गए हैं। इस अलॉटमेंट के साथ बैंक में एलआईसी की हिस्सेदारी 4.05 फीसदी से बढ़कर 7.1 फीसदी पर पहुंच गई है। शुक्रवार के कारोबार में बैंक ऑफ महाराष्ट्र का स्टॉक 1.4 फीसदी की गिरावट पर 57.66 के स्तर पर बंद हुआ है। वहीं एलआईसी का स्टॉक 0.36 फीसदी की बढ़त के साथ 971 के स्तर पर बंद हुआ।

पिछले महीने यह थे हालात
इससे पहले पिछले महीने एलआईसी ने जानकारी दी थी कि महानगर गैस में उसने ओपन मार्केट में बिक्री के जरिए अपनी हिस्सेदारी को दो फीसदी घटा दिया। वहीं सितंबर में ही कॉर्पोरेशन ने ऑरोबिंदो फार्मा में अपनी हिस्सेदारी को घटाने की जानकारी भी दी थी। उस समय कॉर्पोरेशन ने कहा था कि उसने फार्मा कंपनी में अपनी हिस्सेदारी को 25 नवंबर 2021 से 12 सितंबर 2024 के बीच ओपन मार्केट बिक्री के जरिए 5.01 फीसदी से घटाकर 2.265 फीसदी कर दिया है। दूसरी तरफ सितंबर में ही एलआईसी ने रेलवे पीएसयू स्टॉक आईआरसीटीसी में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की भी जानकारी दी। रेलवे सेक्टर की मिनीरत्न पीएसयू में हिस्सेदारी को 7.278 फीसदी से बढ़ाकर 9.298 फीसदी कर दिया है।

वित्त मंत्री सीतारण ने जी-20 विशेषज्ञ समूह के सदस्य प्रो. स्टर्न से की मुलाकात
केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक में बहुपक्षीय विकास बैंकों (एमडीबी) को मजबूत करने पर जी-20 विशेषज्ञ समूह के सदस्य प्रोफेसर निक स्टर्न के साथ चर्चा की। इस दौरान वैश्विक विकास के मुद्दों, विशेष रूप से एमडीबी की भूमिका और विकासशील देशों को जलवायु वित्त और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के महत्व पर ध्यान दिया गया।

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