पर यूपी के पूर्व सीएम व पूर्व गवर्नर का बोलना है कि राम मंदिर के निर्माण का संकल्प पूरा होने जा रहा है। उन्होंने बोला कि 500 वर्ष टकराव हल हो गया है। यह किसी की पराजय व जीत नहीं है। हम राम मंदिर के मामले को पॉलिटिक्स से नहीं जोड़ते, यह मामला सांस्कृतिक है।
बीजेपी नेता ने बोला कि अयोध्या में इतना विकास होना चाहिेए कि लोगों को लगने लगे कि यही राम की नगरी है। राम के साथ-साथ अयोध्या का विकास रोटी से भी जुड़ना चाहिए- यानी राम व रोटी, रोजगार मिल सके ऐसा विकास।
कल्याण ने कहा, ”मैं राम का भक्त हूं, अयोध्या का विकास व राम मंदिर के निर्माण का सपना देखता रहा हूं। अब करोड़ों लोगों का सपना साकार हुआ है। ”
काफी चेहरे चर्चित रहे
पता हो कि जब बाबरी मस्जिद के ढांचे को हजारों कारसेवकों द्वारा ध्वस्त कर दिया गया था तब कल्याण सिंह यूपी के सीएम थे। मस्जिद के विध्वंस के बाद हालांकि उन्होंने स्थिति को नियंत्रित करने में विफल रहने के बाद 6 दिसंबर की शाम को पद से त्याग पत्र दे दिया। सिंह ने छह दिसंबर की रैली से पहले उच्चतम न्यायालय में एक हलफनामे पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें बोला गया था कि वह व उनकी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि मस्जिद को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा।
सुप्रीम न्यायालय का फैसला
अयोध्या टकराव मुद्दे में 70 वर्षों तक चली कानूनी लड़ाई व उच्चतम न्यायालय में 40 दिनों तक लगातार चली सुनवाई के बाद शनिवार को ऐतिहासिक निर्णय आ गया। निर्णय विवादित जमीन पर रामलला के हक में सुनाया गया। निर्णय में बोला गया कि राम मंदिर विवादित स्थल पर बनेगा व मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या में पांच एकड़ जमीन अलग से दी जाएगी। न्यायालय ने बोला कि विवादित 02.77 एकड़ जमीन केन्द्र सरकार के गुलाम रहेगी।
केन्द्र व यूपी सरकार को मंदिर बनाने के लिए तीन महीने में एक ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया गया है। सियासी रूप से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद टकराव पर उच्चतम न्यायालय की पांच जजों की संविधान पीठ ने निर्मोही अखाड़ा व शिया वक्फ बोर्ड के दावों को खारिज कर दिया, लेकिन साथ ही बोला कि निर्मोही अखाड़े को ट्रस्ट में स्थान दी जाएगी।