अधिकारियों ने सूचित किया है कि चुनाव प्रचार अभियान में GST नंबर वाले मूल बिल नहीं जमा करने पर उनके पदाधिकारियों का चुनाव रद्द हो सकता है। विद्यार्थी संघ को जारी किए गए एक लेटर में यह बात कही गई है।
विश्वविद्यालय के अधिकारियों का कहना है कि जमा किए गए बिल सही प्रारूप में नहीं थे। विद्यार्थी संघ के चुने गए पदाधिकारियों ने चुनाव के प्रचार के दौरान किए गए खर्चों के प्रमाण 28 सितंबर को जमा कर दिए थे लेकिन डीन ऑफ स्टूडेंट्स (डीओएस) प्रोफेसर उमेश कदम की ओर से चार अक्टूबर को लिखे गए एक लेटर में इन पदाधिकारियों से मूल बिल जमा करने को बोला गया।
कदम की ओर से लिखे गए लेटर में बोला गया कि जेएनयू विद्यार्थी संघ की ओर से जमा किए गए बिल लिंगदोह कमिटी की सिफारिशों के अनुरूप नहीं थे जिसके मुताबिक, “प्रत्येक उम्मीदवार को चुनाव परिणाम घोषित होने के दो सप्ताह के भीतर पूर्ण एवं लेखा परीक्षित खाते कॉलेज/ यूनिवर्सिटी अधिकारियों को सौंपने होंगे। ”
बता दें कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हुए छात्रसंघ चुनाव के नतीजे 16 सितंबर को घोषित किए गए थे। इसमें लेफ्ट यूनिटी ने सभी चारों सीटों पर बाजी मारी थी।एबीवीपी को इसमें एक भी सीट नहीं मिली थी। नतीजों के अनुसार एन साई बालाजी ने अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की है। वहीं सारिका चौधरी ने उपाध्यक्ष पद पर जीत दर्ज की। वहीं जनरल सेक्रेटरी पद पर एजाज अहमद व ज्वाइंट सेक्रेटरी पद पर अमुथा जयदीप ने बाजी मारी।
जेएनयू छात्रसंघ चुनाव (जेएनयूएसयू) में उपाध्यक्ष पद पर लेफ्ट की उम्मीदवार सारिका चौधरी ने 2309 वोटों के साथ जीत हासिल की। वहीं एबीवीपी की गीताश्री 871 वोट के साथ दूसरे जगह पर रही थीं। लेफ्ट के ही उम्मीदवार एन साईं बालाजी को चुनाव में कुल 1871 वोट मिले। एबीवीपी के ललित पांडे 937 वोट के साथ दूसरे जगह पर रहे।