1 लाख गांवों में इलेक्ट्रिक स्कूटर के जरिये अब यह काम करेगी मोदी सरकार

एक तरफ दिन प्रतिदिन बढ़ती पेट्रोल/डीज़ल की कीमतें और दूसरी तरफ तेज़ी से बढ़ता प्रदूषण, ये 2 ऐसे प्रमुख कारण हैं जिनकी वजह से इलेक्ट्रिक वाहन बाजार का काफी सुनहरा भविष्य खासतौर पर भारत में दिखलाई दे रहा है।केंद्र की मोदी सरकार इस पर खास फोकस कर रही है और इसी कड़ी में सरकार अब 1 लाख गांवों में इलेक्ट्रिक स्कूटर किराए पर चलाने के लिए मार्ग प्रशस्त करने जा रही है। बता दें कि आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय के अधीन काम करने वाले कॉमन सर्विस सेंटर यानी सीएससी से जुड़कर कोई भी इलेक्ट्रिक स्कूटर किराए पर दे सकता है।

दरअसल बकॉमन सर्विस सेंटर की तरफ से चार्जिंग की भी सुविधा दी जाएगी। बता दें कि अभी कई सीएससी को हीरो इलेक्ट्रिक एवं ईईएसएल की तरफ से इलेक्ट्रिक स्कूटर दिए जा रहे हैं ताकि उसे किराए पर चलाया जा सके।

सरकार का हीरो मोटोकॉर्प के साथ हुआ ये समझौता

मालूम हो कि ग्रामीण भारत मे इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने हीरो मोटोकॉर्प कंपनी के साथ समझौता किया है। जी हां, दरअसल इसके तहत हीरो मोटोकॉर्प कंपनी टियर-2 और टियर-3 में टू-व्हीलर इलेक्ट्रिक वाहन मुहैया कराएगी।
आपको बता दें मौजूदा वक्त में ग्रामीण इलाकों में करीब 2.50 सीएससी सेंटर हैं। वहीं शहरी इलाकों में इनकी संख्या 1.50 लाख है।

सभी गांवों के सीएससी पर इलेक्ट्रिक स्कूटर होंगे उपलबध

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सीएससी के सीईओ डी.सी. त्यागी ने एक निजी न्यूज एजेंसी को बताया कि उनका उद्देश्य ग्रामीण भारत में ई-मोबिलिटी को प्रोत्साहित करना है। दरअसल योजना यह है कि सभी गांवों के सीएससी पर इलेक्ट्रिक स्कूटर उपलबध होंगे और एक निश्चित राशि देकर गांव का कोई भी व्यक्ति उस स्कूटर का इस्तेमाल कर सकेगा।

बता दें कि इससे ग्रामीणों के लिए मोबिलिटी की सहूलियत बढ़ जाएगी। यही नहीं, गांव के बस स्टैंड के पास इलेक्ट्रिक स्कूटर की सुविधा होगी। दरअसल उन्होंने बताया कि अभी 1लाख गांवों में इलेक्ट्रिक स्कूटर चलवाने की योजना है।

निजी निवेशकों की तलाश है जारी

मालूम हो कि त्यागी ने बताया कि कई गांवों में इसकी शुरुआत हो चुकी है। दरअसल अभी कई प्रकार के इलेक्ट्रिक स्कूटर की उपलब्धता बढ़ाने पर काम किया जा रहा है। बता दें कि कुछ गांवों में सीएससी चलाने वाले ही कंपनी से इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीद कर उसे भाड़े पर चलवा रहे हैं तो कुछ जगहों पर सरकार की तरफ से इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदने के लिए मदद की जा रही है। यही नहीं, कुछ जगहों के लिए निजी निवेशकों की तलाश की जा रही है जो इलेक्ट्रिक स्कूटर के मॉडल में निवेश कर सके।

ग्रामीण इलाके में ई-मोबिलिटी बढ़ाना है मकसद

आपको बता दें कि त्यागी ने इस संबंध में यह साफ किया कि बिजली मंत्रालय के अधीन काम करने वाली सार्वजनिक कंपनी ईईएसएल से इलेक्ट्रिक स्कूटर मुहैया कराने की बात चल रही है। दरअसल उन्होंने बताया कि इस मामले में सभी विकल्प खुले हैं, लेकिन उद्देश्य ग्रामीण इलाके में ई-मोबिलिटी को बढ़ाना है।

मालूम हो कि गांववालों को इससे यह लाभ होगा कि वे रात के समय या किसी इमरजेंसी में ई-स्कूटर लेकर शहर की ओर जा पाएंगे। दरअसल अभी इस प्रकार की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है।

बता दें कि किराए के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि अभी किराए की राशि बिल्कुल निर्धारित नहीं है। हालांकि यह किराया काफी कम होगा जिसे आसानी से हर कोई दे सके।