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‘गाजा संघर्ष विराम ठंडे बस्ते में, दो-देश समाधान भी नहीं होने वाला’, इस्राइली रक्षा विशेषज्ञ का दावा

गाजा युद्ध का दंश झेल रहे पश्चिम एशिया के एक और मोर्चे पर वार-पलटवार तेज हो गया है। हिजबुल्ला प्रमुख हसन नसरल्ला के मारे जाने के बाद ईरान ने मंगलवार रात इस्राइल पर 200 से अधिक मिसाइलें दाग दीं। इससे दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। इन सबके बीच, इस्राइल के रक्षा विशेषज्ञ ब्रिगेडियर जनरल (रेस) योसी कुपरवासर का मानना है कि गाजा में संघर्ष विराम की पेशकश अब ठंडे बस्ते में है और ‘दो-देश समाधान’ भी जल्द नहीं होने वाला।

कौन हैं कुपरवासर
ब्रिगेडियर जनरल (रिजर्व) कुपरवासर जेरूसलम सेंटर फॉर सिक्योरिटी एंड फॉरेन अफेयर्स में एक वरिष्ठ शोधकर्ता हैं। वह आईडीएफ सैन्य खुफिया में अनुसंधान प्रभाग के पूर्व प्रमुख और इस्राइल के रणनीतिक मामलों के मंत्रालय के महानिदेशक रह चुके हैं।

ईरान को वास्तविक आकार में वापस लाने की आवश्यकता पर जोर
कुपरवासर ने एक इंटरव्यू में इस बात पर प्रकाश डाला कि इस्राइल का उद्देश्य गाजा के साथ-साथ लेबनान का नेतृत्व बदलना है। साथ ही संघर्ष में किसी भी समाधान को हासिल करने के लिए ईरान को उसके वास्तविक आकार में वापस लाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

उन्होंने कहा, ‘एक वास्तविक समाधान यह है कि हमास और इसके सभी संगठनों को गाजा की सत्ता से हटा दिया जाए, लेबनान में नए हालात पैदा हों, जहां लेबनानी राष्ट्र अपने क्षेत्र में बल प्रयोग के एकाधिकार का स्वामी बन जाए, जो कि अभी नहीं है। जब ईरान अपने वास्तविक आकार में वापस आ जाएगा और एक शक्ति बनना शुरू कर देगा। मध्य पूर्व में एक महाशक्ति बन जाएगा और ईरान में जीवन की स्थिति में सुधार लाने पर ध्यान केंद्रित करेगा, तो ईरानी मध्य पूर्व में अपना आधिपत्य स्थापित नहीं करेंगे।’

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