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नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने त्रिपुरा के सरकारी विभागों में नौकरी के स्थायी निवास प्रमाण पत्र की अनिवार्यता को लेकर जारी अधिसूचना से जुड़ी याचिका को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति बीआर गवई और ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह ने जांच के बाद याचिका पर सुनवाई करने में अनिच्छा दिखाई और याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट में जाने के लिए कहा। इसके बाद वकील ने याचिका वापस ले ली।
पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील से पूछा कि क्या त्रिपुरा उच्च न्यायालय छुट्टी पर है? वकील ने तर्क दिया कि अधिसूचना में कहा गया है कि राज्य सरकार के विभागों और अर्ध-सरकारी निकायों में नौकरियों के लिए आवेदन करने के लिए त्रिपुरा का स्थायी निवासी प्रमाण पत्र आवश्यक है। जबकि शीर्ष अदालत ने एक फैसले में कहा है कि किसी राज्य द्वारा स्नातकोत्तर चिकित्सा पाठ्यक्रमों में निवास-आधारित आरक्षण असांविधानिक है।
इस पर पीठ ने पूछा कि आप इस मुद्दे को उच्च न्यायालय में क्यों नहीं उठा सकते? आप उच्च न्यायालय क्यों नहीं जा सकते?इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि मामला कानून के बड़े सवाल से जुड़ा है, तो पीठ ने कहा कि क्या हाईकोर्ट को इन पर निर्णय लेने का अधिकार नहीं है? इसके बाद याचिकाकर्ता के वकील ने याचिका वापस ले ली।