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पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को वापस बांग्लादेश लाना चाहती है अंतरिम सरकार, इंटरपोल से मांगेगी मदद

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को वापस देश लाने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ छात्र आंदोलन में हुई मौतों का मुकदमा चलाने के लिए उनको बांग्लादेश लाया जाएगा। इसके लिए अंतरिम सरकार इंटरपोल की मदद मांगेगी।

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना अपनी सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर छात्र नेतृत्व वाले विद्रोह के बीच पांच अगस्त को भारत चली गई थीं। इस दौरान हुए विरोध प्रदर्शन में कई लोग घायल हुए। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुताबिक विरोध प्रदर्शनों के दौरान कम से कम 753 लोग मारे गए और हजारों लोग घायल हुए।

इस मामले में हसीना और उनकी पार्टी के नेताओं के खिलाफ अपराध और नरसंहार की 60 से अधिक शिकायतें दर्ज की गई हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, शेख हसीना के खिलाफ 225 मामले दर्ज हैं, इनमें हत्या के 194, मानवता के विरुद्ध अपराध और नरसंहार के 16 मामले, अपहरण के तीन मामले, हत्या के प्रयास के 11 मामले और ‘बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी’ की रैली पर हमले के संबंध में एक मामला शामिल है।

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के कानून मामलों के सलाहकार आसिफ नजरुल ने कहा कि इंटरपोल के जरिये बहुत जल्द रेड नोटिस जारी किया जाएगा। चाहे ये फासीवादी लोग दुनिया में कहीं भी छिपे हों, उन्हें वापस लाया जाएगा और अदालत में जवाबदेह ठहराया जाएगा। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट परिसर में अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) में जीर्णोद्धार की स्थिति का निरीक्षण करने के बाद कहा कि हसीना और उनके कई कैबिनेट सहयोगियों और अवामी लीग के नेताओं पर विशेष न्यायाधिकरण में मुकदमा चलाया जाएगा। 17 अक्तूबर को न्यायाधिकरण ने हसीना और 45 अन्य के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे। इसमें उनके बेटे सजीब वाजेद जॉय और उनके कई पूर्व कैबिनेट सदस्य शामिल हैं।

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