कोर्ट के सामने पेश होने के निर्देश, अन्य आरोपियों को भी समन
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बंगलूरू: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा को पॉक्सो मामले में पेश होने को कहा गया है। पॉक्सो मामले की अदालत ने इस संबंध में आदेश दिया है। अगली सुनवाई पहली फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी। कोर्ट ने सह-आरोपी वाईएम अरुणा, रुद्रेश और मारुलासिद्धैया जी. मरिस्वामी को भी समन जारी किया है। इन सभी को उसी दिन पेश होने के लिए कहा गया है।
हाईकोर्ट ने हाल ही में पूर्व सीएम येदियुरप्पा को पॉक्सो मामले में अग्रिम जमानत दी थी। बीएस येदियुरप्पा को बड़ी राहत देते हुए हाईकोर्ट ने येदियुरप्पा को गिरफ्तार न करने का निर्देश दिया था। मुकदमे में पहले उन्हें हाजिरी से छूट दी गई थी।
हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा था
इससे पहले कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा था। हाईकोर्ट ने एक नाबालिग से यौन उत्पीड़न के मामले में उनके खिलाफ दर्ज पॉक्सो केस को खारिज करने से मना कर दिया था और मामले को ट्रायल कोर्ट में वापस भेज दिया था। हालांकि, इसके साथ ही कोर्ट ने येदियुरप्पा को आंशिक राहत देते हुए अग्रिम जमानत दे दी थी। न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाया था। जस्टिस नागप्रसन्ना ने ही पहले येदियुरप्पा को गिरफ्तारी के खिलाफ अंतरिम संरक्षण दिया था।
येदियुरप्पा पर क्या लगे हैं आरोप?
बीएस येदियुरप्पा पर भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के साथ-साथ बाल यौन अपराध संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। यह मामला पिछले साल 14 मार्च को 17 वर्षीय एक लड़की की मां की शिकायत पर दर्ज किया गया था। महिला ने आरोप लगाया था कि येदियुरप्पा ने दो फरवरी को यहां डॉलर्स कॉलोनी में अपने आवास पर एक भेंट के दौरान उसकी बेटी का यौन उत्पीड़न किया था। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने नाबालिग के यौन उत्पीड़न के लिए पोक्सो अधिनियम की धारा 8 और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 (ए) के तहत येदियुरप्पा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।