भारत को मिली ये बड़ी सफलता, रातो – रात तैयार की ये खतरनाक मिसाइल , चीन के पास भी नहीं इसका तोड़ …

ब्रह्मोस प्राइम स्ट्राइक हथियार के रूप में नेवल सर्फेस लक्ष्यों को दिन या रात और किसी भी मौसम में समुद्र या सतह पर किसी भी लक्ष्य को 400 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक निशाना बनाकर टारगेट को ध्वस्त करने की क्षमता रखता है।

 

इस तरह यह डिस्ट्रॉयर को भारतीय नौसेना का एक और घातक मंच बना देगा। कई गुणों से लैस ब्रह्मोस को भारत और रूस द्वारा संयुक्त रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित किया गया है।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, ब्रह्मोस और भारतीय नेवी को सफलतापूर्वक लॉन्च के लिए बधाई दी। तो वहीं, DDR&D के सेक्रेटरी और डीआरडीओ चेयरमैन डॉ. जी सतीश रेड्डी ने भी वैज्ञानिकों, डीआरडीओ के सभी कर्मचारियों, ब्रह्मोस और भारतीय नेवी को इस सफलता के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि, ”यह भारतीय सेना की क्षमता को कई तरीकों से बढ़ाएगा।”

चीन के साथ सीमा पर जारी तनाव के बीच भारत अपनी शक्तियों को मजबूत करने में लगा हुआ है, इसी कड़ी में भारत ने आज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ‘ब्रह्मोस’ का सफल परीक्षण कर एक और बड़ी सफलता हासिल की।

डिफेंस रिसर्च एंड डिवेलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) द्वारा एक बयान जारी करके यह जानकारी दी कि, ”ब्राह्मोस, सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का आज 18 अक्टूबर को भारतीय नौसेना के स्वदेशी रूप से निर्मित स्टेल्थ विध्वंसक से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया।

अरब सागर में INS चेन्नई से दागे गए मिसाइल ने उच्चस्तरीय और बेहद जटिल युद्धाभ्यास के बाद लक्ष्य को सटीकता से पिन-पॉइंट सटीकता से मार गिराया।”

भारत में ‘मेक इन इंडिया’ पहल तथा प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम बढ़ रहे हैं। भारत एक के बाद एक कई मिसाइलों का सफल परीक्षण कर देश के मिसाइल जखीरे एवं नौसेना की ताकत में बड़ा इजाफा कर रहा है।

अब आज रविवार (19 अक्‍टूबर) को भारत ने भारतीय नेवी के स्वदेशी स्टील्थ डिस्ट्रॉयर INS चेन्नई से सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल’ब्रह्मोस’ का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।