‘भारत हमेशा द्वीप राष्ट्र के साथ खड़ा है’, मालदीव के विदेश मंत्री से मुलाकात पर बोले जयशंकर
नई दिल्ली:भारत और मालदीव ने सीमा पार व्यापार के लिए स्थानीय मुद्राओं के उपयोग को बढ़ावा देने की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया। केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आश्वासन दिया कि भारत हमेशा द्वीप राष्ट्र के साथ खड़ा रहेगा। राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में जयशंकर ने मालदीव के अपने समकक्ष अब्दुल्ला खलील से मुलाकात की। बता दें कि मालदीव के विदेश मंत्री गुरुवार को तीन दिवसीय दौरे पर भारत पहुंचे। इस दौरे का लक्ष्य दोनों देशों के बीच समुद्री सुरक्षा, व्यापार और निवेश सहित कई प्रमुख क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के तरीके तलाशना है।
अपने समकक्ष का स्वागत करते हुए जयशंकर ने कहा, “मैं आपकी पहली आधिकारिक यात्रा पर आपका और आपके प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करता हूं। मैं नए साल की भी बधाई देता हूं और मैं यह कहना चाहूंगा कि आप मेरे पहले विजिटर हैं। इसलिए आपका दोगुना स्वागत है।” उन्होंने आगे कहा, “हमारे पास बात करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण विषय हैं। इसके अलावा और भी बहुत कुछ है, जो हमें करने की आवश्यकता है। मैं देख रहा हूं कि सीमा पार लेनदेन के लिए स्थानीय मुद्राओं के उपयोग को बढ़ावा देने की रूपरेखा पर हस्ताक्षर किए गए हैं।”
मालदीव के विदेश मंत्री से मिले जयशंकर
जयशंकर ने कहा, “मैंने देखा कि सीमा पार लेनदेन के लिए स्थानीय मुद्राओं के उपयोग को बढ़ावा देने की रूपरेखा पर हस्ताक्षर किए गए हैं। हमने कई क्षेत्रों में अपनी सहभागिता बढ़ाई है और मैं यह कहना चाहूंगा कि भारत हमेशा मालदीव के लिए खड़ा है।” बता दें कि हिंद महासागर क्षेत्र में मालदीव भारत का प्रमुख पड़ोसी देशों में से एक है। रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्रों में मालदीव की पिछली सरकार के साथ काफी ज्यादा प्रगति देखी गई थी।
मुइज्जू की सरकार आने के बाद से खराब हो गए थे दोनों देशों के संबंध
नवंबर 2023 में मालदीव में मोहम्मद मुइज्जू की सरकार आने के बाद से भारत और मालदीव के संबंधों में दरार आ गई थी। राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के कुछ ही देर बाद मुइज्जू ने अपने देश से भारतीय सैनिकों को वापस बुलाने की मांग की थी। भारतीय सैनिकों के जाने के बाद वहां सिविल अधिकारियों ने उनका स्थान ले लिया। हालांकि, अक्तूबर में अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान मुइज्जू ने भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने की कसम भी खाई थी। बैठक में दोनों देशों ने इस बात पर भी सहमति जताई कि भारत उथुरु थिला फाल्हू (यूटीएफ) में मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल (एमएनडीएफ) की ‘एकथा’ बंदरगाह परियोजना को समय पर पूरा करने का समर्थन करेगा।