युद्ध शुरू होने के बाद यूक्रेन में फंसे छात्र-छात्राओं के अभिभावकों की बढ़ी चिंता, पीएम मोदी से मांगी मदद

युद्ध शुरू होने के बाद यूक्रेन में फंसे अलीगढ़ के 50 छात्र-छात्राओं के अभिभावकों की चिंता बढ़ गई हैं। गुरुवार की रात यूक्रेन की राजधानी कीव से करीब 450 किमी. दूर खारकीव हाईअलर्ट घोषित कर लोगों (यूक्रेनियन व भारतीयों) को बंकर में भेज दिया गया।

जिसमें अलीगढ़ के छह छात्र शामिल थे। बच्चों के बंकर में जाने से अभिभावकों की फिक्र बढ़ गई है। उधर इवानों शहर में भी दहशत का माहौल है। यहां भी मेडिकल की पढ़ाई करने ववाले विद्यार्थी हॉस्टल व फ्लैट में रह रहे हैं। गुरूवार को एयरइंडिया की फ्लाइट से करीब 250 भारतीयों की वापसी होनी थी। जिसमें अलीगढ़ के काफी छात्र-छात्राएं शामिल थे लेकिन युद्ध छिड़ जाने की वजह से फ्लाइट को खाली लौटना पड़ गया। इस वजह से सभी भारतीयों को भारतीय दूतावास में भेज दिया गया।

यूक्रेन में फंसे भारतीय बच्चों को पूरी सुरक्षा के साथ भारत वापस लाने की अभिभावकों ने पीएम मोदी से गुहार लगाई है। गांधीपार्क स्थित धीरज पैलेस में इंडो-यूक्रेन मेडिकल स्टूडेंट्स गार्जियन एसोसिएशन की बैठक आयोजित की गई। अभिभावकों ने कहा कि इमरजेंसी लागू कर सभी उड़ाने रद्द कर दी गई हैं। अधिकांश बच्चों की फ्लाइट की टिकटें बुक हो गई थीं लेकिन अब सब स्थगित हो गया है।

मोबाइल की बैटरी खत्म होने की वजह से बच्चों से कुछ समय के लिए अभिभावकों का सम्पर्क टूट गया। वो सुरक्षित स्थान तलाशते रहे। उनपर जो भी खाद्य सामग्री थी। वो भी खत्म हो रही है। पूरा यूक्रेन बंद है। वहां के नागरिक भी सुरक्षित रहने के लिए पश्चिमी देश पोलैंड की तरफ सड़क मार्ग से जा रहे। जिसकी वजह से सड़क मार्ग पर जाम लगा हुआ है।

हालांकि भारतीय दूतावास द्वारा जारी की गई नई एडवाइजरी जिसमें, सभी भारतीय बच्चों को खुले स्थानों पर न जा कर केवल सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील किये जाने के बाद, भारतीय दूतावास से भी बच्चों का संपर्क टूटना बताया गया। यूक्रेन में भारत के राजदूत पार्थ सतपथे ने एक और एडवाइजरी जारी कर कहा है कि भारत सरकार इस कठिन समय मे समस्या का समाधान ढूंढ रहा है और एंबेसी से संपर्क के नए नंबर जारी कर दिए है।

युद्ध की दहशत के बीच बच्चे व अभिभावक खासे परेशान हैं। अभिभावक पंकज धीरज व आमोद उपाध्याय ने बताया कि अब सभी को केवल देश के पीएम नरेंद्र मोदी से ही उम्मीद है कि वो ही इस जान जोखिम बाली विषम परिस्थिति में मददगार साबित हो सकते हैं। अभिभावक एसोसिएशन की बैठक में जहां बच्चों के भारत सुरक्षित वापस आने की ईश्वर से प्रार्थना की गई।

अलीगढ़ मंडल से ही करीब चार दर्जन मेडिकल विद्यार्थी वहां फंसे हुए हैं। बैठक में निर्णय हुआ कि अगर भारत सरकार कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लेती है तो स्थानीय अभिभावक बच्चों की सुरक्षा के लिए शुक्रवार को दिल्ली कूच कर मांग रखेंगे। बैठक में ममता वार्ष्णेय, पुनीत अरोरा,वडॉ विश्वमित्र आर्य, सुधा सिंह, प्रदीप वार्ष्णेय, रतन वार्ष्णेय आदि सहित अन्य अभिभावक उपस्थित रहे।

यूक्रेन के इवानो में इवानो मेडिकल यूनिवर्सिटी के मेडिकल छात्र ऋत्विक वार्ष्णेय ने कहा, ‘खारकीव में रूसी आर्मी ने प्रवेश ले लिया है। हालांकि वह यहां आम नागरिकों से कुछ नहीं कह रहे हैं। वह यूक्रेनियन आर्मी को निशाना बना रहे हैं। काफी यूक्रेनियन सैनिक भी सरेंडर कर रहे हैं। गुरूवार सुबह कीव एयरपोर्ट से फ्लाइट लेनी थी, लेकिन उससे पहले ही रूसी सेना ने एयरस्पेस को टेकओवर कर लिया। कीव तक जाने वाले रेलवे ट्रैक को भी नुकसान पहुंचाया है। खाने-पीने का सामान स्टॉक कर वापिस फ्लैट में ही आ गए हैं।’