इस देश में अपने पांव पसार रहा खूंखार आतंकी संगठन ISIS, लोगों में डर का माहौल

पिछले साल से इराक और सीरिया दोनों ही देशों में ISIS के हमलों में प्रमुख वृद्धि देखने को मिली. इराक में 2020 की पहली तिमाही में लगभग 600 ISIS हमले दर्ज किए गए हैं.

 

वहीं, सीरिया में दीर अजोर और सैकड़ों टार्गेट हमलों में हर रोज लोग जान गंवा रहे हैं. अभी तक इस तरह के हमलों में सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है.

सीरिया के दीर अजोर में तैनात एक सैनिक ने बताया कि ISIS ने मई 2020 में डिवीजन के ट्रकों में से एक पर हमला किया. इस हमले में सभी सैनिक मारे गए.

ISIS के खिलाफत को मार्च 2019 में सीरिया में बघौज की लड़ाई के साथ तबाह कर दिया गया था. लेकिन इसके लड़ाकों की विचारधारा और सामाजिक आर्थिक दोष आज भी इस क्षेत्र में बरकरार है.

वास्तव में, ISIS के कई लड़ाकों ने सीरिया-इराक सीमा (Syria-Iraq border) कभी छोड़ा ही नहीं. दोबारा इकट्ठा होने के लिए ये सभी आतंकी तितर-बितर हो गए हैं.

वहीं, कुछ आतंकियों ने फिर से अपने गढ़ में लौटना शुरू कर दिया है. हाल के दिनों में सेना की कम हुई सतर्कता के चलते इन्हें फिर से इकट्ठा होने में मदद मिली है.

उत्तरी इराक में रहने वाले एक स्थानीय निवास ने बताया कि हम लगातार डर के साए में जी रहे हैं. इराक और सीरिया में अपनी हार के बावजूद, अभी भी बहुत सारे ISIS लड़ाके हमलों को अंजाम दे रहे हैं.

ये हमले किरकुक, दीयाला, सलाह-अद-दीन और बगदाद में किए गए. उसने बताया कि ये इलाके भले ही हमारे कस्बों से दूर हैं, लेकिन हम रेगिस्तान के किनारे रहते हैं. वहीं, ISIS के लड़ाके इराक-सीरिया के रेगिस्तान में फैले हुए हैं.

दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी संगठन ‘इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया’ (ISIS) एक बार फिर सक्रिय हो रहा है. इराक (Iraq) और सीरिया (Syria) में ISIS के आतंकी फिर से पांव पसारने में जुटे हुए हैं.

उत्तरी इराक (Northern Iraq) में रहने वाले लोग फिर से डर के साए में जी रहे हैं. गौरतलब है कि आतंकी संगठन ने अपने कब्जे के दौरान अल्पसंख्यकों का नरसंहार किया था और तथाकथित इस्लामिक खलीफा की स्थापना की थी. ये खलीफा इराक और सीरिया में फैला था और ब्रिटेन (Britain) के आकार के बराबर था.