पेट से जुड़ी बीमारियों में रामबाण है ये पहाड़ी फल

पेट से जुड़ी बीमारियों में रामबाण कहे जाने वाले पहाड़ी फल काफल की प्रजातियों को बढ़ाने में वन अनुसंधान केंद्र जुट गया है। आपको बता दें कि उत्तराखंड में इसकी सिर्फ एक ही प्रजाति पाई जाती है, जबकि उत्तर-पूर्वी राज्यों में ज्यादा।

पहाड़ के जंगलों में मिलने वाले काफल को पनपने के लिए ठंडा वातावरण चाहिए। प्रदेश में फिलहाल इसकी एक ही प्रजाति मिलती है। जो कि मेघालय में होने वाले काफल से काफी छोटी है। जिस वजह से रानीखेत में बाहर की प्रजाति पर रिसर्च चल रही है।

संजीव चतुर्वेदी, वन संरक्षक अनुसंधान ने बताया कि काफल की प्रजाति बढ़ाने का प्रोजेक्ट लंबे समय से चल रहा है। हमारा फोकस देश के हिमालयी राज्यों में मिलने वाली प्रजातियों का संरक्षण करना है। उत्तराखंड और इन प्रदेशों की भौगोलिक व पर्यावरणीय परिस्थितियों में काफी समानता है।