अपने दांतों को साफ़ रखना चाहते है तो भूल से भी न करे यह गलतियाँ

अक्सर देखा जाता है कि माता-पिता नवजात के मुंह व दांतों को लेकर फिक्र नहीं करते जो कि गलत है. ऐसे में वे सोचते हैं कि अभी तो बच्चे के दूध के दांत हैं जो एक समय बाद अपने आप टूट जाएंगे.

लेकिन इस दौरान ठीक देखभाल न होने से परेशानी हो सकती है. नवजात का दांत न आने के बावजूद उसका खयाल रखना महत्वपूर्ण है. शिशु के दांत नहीं होते लेकिन बढ़ती आयु के साथ दांत आने वाले होते हैं जिसके लिए मसूड़ों की सफाई महत्वपूर्ण है. वर्ना उसे ओरल कैविटी हो सकती है. ऐसा न करने से दांत आने पर उनमें कीड़ा लग सकता है.

रंग बताता स्वास्थ्य ( Dental Health Care )
स्वस्थ व मजबूत मसूड़ों से ही दांतों की मजबूती तय होती है. मसूड़े का रंग आदमी की स्वास्थ्य बता देता है. मसूड़े का रंग कोरल पिंक है तो वह हैल्दी है. अगर रंग लाल या काला हो गया है तो इसका मतलब है कि आदमी को मुंह में किसी न किसी तरह की कठिनाई है. मसूड़े निर्बल हैं व उसमें किसी तरह की तकलीफ है तो दांत संबंधी रोग तेजी से फैलते हैं.

इसलिए आती बदबू ( Lack Of Oral Hygiene )
रात के समय भोजन के बाद ब्रश करना चाहिए. क्योंकि भोजन के दो घंटे बाद खाना लार के साथ मिलकर सड़ने लगता है. ऐसे में दांतों के बीच खाना सडऩे पर मुंह से बदबू आती है. ऐसा लगातार होने पर मुंह में संक्रमण फैलकर छालों की भी वजह बनता है. इसलिए विशेषज्ञ दिन में 2 बार ब्रश करने के लिए कहते हैं.

दांत रखें स्वस्थ ( Keep Teeth Healthy )
दांतों को हैल्दी रखना है तो जो लोग तंबाकू, पान मसाला, गुटखा व सुपारी आदि खाते हैं उन्हें इन्हें छोडऩा होगा क्योंकि इनमें उपस्थित केमिकल्स दांतों व मसूड़ों को निर्बल करते हैं. इस वजह से दांत दर्द, मुंह में छाले व बदबू आने की समस्या बनी रहती है. यह लगातार रहे तो कठिनाई स्थायी हो जाती है. नमक (बारीक) में सरसों ऑयल मिलाकर मसूड़ों की मालिश करने से राहत मिल सकती है.