इमरान खान के इस्तीफे की मांग को लेकर लाखों समर्थकों के साथ धरने पर डटे मौलाना फजल, दे रहे चेतावनी

पाकिस्तान के लिए ईद-मिलाद-उन-नवी का दिन एक नया दिन साबित हो सकता है। प्रधानमंत्री इमरान खान के इस्तीफे की मांग को लेकर पिछले 10-11 दिन से लाखों समर्थकों के साथ धरने पर डटे जमीयत-उलेमा ए-इस्लाम के चीफ मौलाना फजल-उर-रहमान ने अंतिम चेतावनी देते हुए दो विकल्प सामने रखे हैं। पहला विकल्प यह है कि इमरान खान प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दें और दूसरा यह कि अगर वो इस्तीफा नहीं देते हैं तो 3 महीने के अंदर नये चुनावों का ऐलान किया जाये।

मौलाना फजल ने कहा है कि इमरान खान के पास अब समय खत्म हो चुका है। रविवार 10 नवंबर का दिन यानी ईद मिलादुन्नबी की शाम तक दोनों में से किसी एक विकल्प का ऐलान किया जाये अन्यथा मौलाना और उनके समर्थक अपने आंदोलन की अगली रणनीति पर अमर करेंगे। हालांकि मौलाना ने यह नहीं बताया है कि उनकी अगली रणनीति क्या होगी। इसके दीगर मौलाना ने बीती रात की तकरीर में सेना की भूमिका तारीफ की। अक्सर मौलाना पाकिस्तान फौज के खिलाफ बोलते रहे हैं। इस्लामाबाद में धरने के बाद से ही मौलाना के निशाने पर पाक फौज रही है। पाक फौज की ओर से भी मौलाना को लगातार जवाब दिया जा रहा था।

ऐसा लगता है कि अब मौलाना और डीजी आईएसपीआर के बीच कुछ बात बन गयी है। क्योंकि पिछले तीन-चार दिन से डीजीआईएसपीआर के ट्वीट भी नहीं आ रहे हैं और अब मौलाना ने भी फौज की तारीफ कर दी। पाकिस्तान में अभी तक कोई भी सरकार बिना फौज के समर्थन के अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पायी है। पाकिस्तान की घरेलू नीतियों से लेकर विदेश, रक्षा और वित्त नीति पर फौज का कब्जा रहता है। प्रधानमंत्री कोई भी रहा हो वो रबर स्टाम्प से ज्यादा हैसियत हासिल नहीं कर पाया है।

मौलाना ने भी यही आरोप लगाये थे कि इमरान खान को भी आर्मी ने ही लोगों का वोट चुराकर प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठा दिया है। इसीलिए न केवल मौलाना बल्कि पाकिस्तान का पूरा विपक्ष इमरान खान नियाजी के इलेक्टेड प्राइम मिनिस्टर की जगह सिलेक्टेड प्राइम मिनिस्टर के नाम से बुलाता रहा है। बहरहाल, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) समेत कई विपक्षी दलों के समर्थन का दावा करने वाले मौलाना फजल-उर-रहमान ने कहा है कि ईद मिलाद का दिन इमरान सरकार के पास विकल्पों के ऐलान का आखिरी दिन है। मौलाना की इस धमकी के बाद पाकिस्तान के लोगों में बेचैनी बढ़ गयी है। लोगोंको आशंका है कि मौलाना और फजलुर्रहमान के बीच सलाह न हुई तो देश में मार्शल लॉ लग सकता है।