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राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन नेवा पर शिफ्ट हुई हिमाचल प्रदेश विधानसभा, कहीं भी देख सकेंगे कार्यवाही

धर्मशाला:  हिमाचल प्रदेश विधानसभा तपोवन ई-विधान प्रणाली को छोड़कर राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन नेवा पर शिफ्ट हो गई है। बुधवार को शीत सत्र के पहले दिन विधानसभा सदन में अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने नई प्रणाली का शुभारंभ किया। अब हिमाचल प्रदेश प्रदेश के विधानसभा सदन की कार्यवाही, कार्यप्रणाली तथा क्रिया-कलापों को राष्ट्र स्तर पर भी देखा जा सकेगा। नेवा की स्थापना के लिए भारत सरकार के संसदीय कार्य मंत्रालय ने 8.13 करोड़ की राशि स्वीकृत की है। मुख्यमंत्री ने तपोवन विधानसभा में राष्ट्रीय ई-विधान एप्लीकेशन (नेवा) के लागू होने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि ई विधान की तरह नेवा भी एक आधुनिक तथा पर्यावरण मित्र प्रणाली है, जिससे कार्य में तीव्रता, दक्षता तथा पारदर्शिता आएगी।

सालाना 10 से 15 टन कागज की होगी बचत
विस अध्यक्ष ने कहा कि राष्ट्रीय ई-विधान एप्लीकेशन के लागू होने से आज हमारा स्तर राज्य से राष्ट्रीय हो गया है। नेवा के लागू होने से हमारी विधानसभा भी राज्यसभा, लोकसभा तथा अन्य विधानसभाओं की तरह एक ही प्लेटफार्म पर आ गई है। नेवा के माध्यम से भी सदस्य सीधे जनता से जुड़ेंगे तथा कार्य में तीव्रता, पारदर्शिता आएगी तथा कागज के बोझ से निजात मिलेगी। नेवा जनप्रतिनिधियों को जनता के साथ एक डिजिटल ब्रिज के रूप में जोड़ने का कार्य करेगी। विधानसभा का कार्य डिजिटल होने की वजह से प्रतिवर्ष लगभग 10 से 15 टन कागज की भी बचत होगी।

शिमला में नेवा के लिए 12 करोड़ की डीपीआर भेजी
पठानिया ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विधान सभा सचिवालय ने शिमला विधानसभा के कौंसिल चैंबर में नेवा की स्थापना के लिए 12 करोड़ की डीपीआर मंत्रालय को भेजी है। शिमला विधानसभा में ही सबसे ज्यादा बैठकें बजट तथा मानसून सत्र में आयोजित की जाती हैं।

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