सरकार वोडा आइडिया में नहीं लेगी 49% से अधिक हिस्सेदारी, सिंधिया बोले- कंपनी बेहतर प्रदर्शन सुनिश्चित करे

सरकार की वोडाफोन आइडिया (वीआईएल) में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की कोई योजना नहीं है। सरकार यह नहीं चाहती कि दूरसंचार कंपनी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) में बदल जाए। दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया बुधवार को यह बात कही।
वोडाफोन आइडिया को कड़ा संदेश देते हुए सिंधिया ने पीटीआई-भाषा को दिए साक्षात्कार में कहा कि अब यह दूरसंचार कंपनी का काम है कि वह अपना प्रदर्शन सुनिश्चित करे।
हाल ही में स्पेक्ट्रम नीलामी के बकाया 36,950 करोड़ रुपये को इक्विटी में परिवर्तित करने के बाद, सरकार के पास अब वोडाफोन आइडिया लिमिटेड में 48.99 प्रतिशत शेयर हैं। इससे पहले, सरकार की हिस्सेदारी लगभग 22.6 प्रतिशत थी।
यहां यह बताना जरूरी है कि अगर सरकार के पास अब कोई अतिरिक्त हिस्सेदारी आई तो कंपनी सार्वजनिक उपक्रम में बदल सकती है और सरकार इसे प्रशासनिक नियंत्रण में ला सकती है। क्योंकि केंद्र के पास तब कंपनी का बोर्ड नियुक्त करने का अधिकार होगा। इसके साथ ही, ऐसी परिस्थितियों में कंपनी कैग और अन्य निरीक्षण निकायों के दायरे में भी आ जाएगी।
सिंधिया ने कहा, “अब यह उनका (वीआईएल का) काम है कि वे अच्छा प्रदर्शन करें। आज सरकार के पास कंपनी की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है। सरकार का इसे सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम बनाने का कोई इरादा नहीं है। इसलिए हम 49 प्रतिशत हिस्सेदारी पर कायम रहेंगे।”