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टीवी चैनलों पर अश्लील विज्ञापनों के खिलाफ 73 शिकायतें, सरकार ने संसद में दी जानकारी

सरकार ने संसद को बताया है कि पिछले तीन वर्षों में नियामक संस्थाओं को निजी टेलीविजन चैनलों पर अश्लील और फूहड़ विज्ञापनों के खिलाफ 73 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में सूचना व प्रसारण राज्य मंत्री एल. मुरुगन ने कहा कि शिकायतों का तीन स्तरीय शिकायत निवारण प्रणाली द्वारा “उचित” ढंग से समाधान किया गया।

मुरुगन ने कहा कि केबल टेलीविजन नेटवर्क (संशोधन) नियमों के तहत स्थापित तंत्र में प्रसारकों द्वारा स्व-नियमन, प्रसारकों के स्व-नियामक निकायों द्वारा स्व-नियमन और केंद्र सरकार की निगरानी प्रणाली शामिल है।मंत्री ने कहा कि जहां भी विज्ञापन संहिता का उल्लंघन पाया जाता है, वहां “सलाह, चेतावनी, ‘माफी मांगने का आदेश’ और ऑफ-एयर आदेश” जारी करके उचित कार्रवाई की जाती है।

एक अलग प्रश्न के उत्तर में, मुरुगन ने कहा कि ओटीटी प्लेटफार्मों को आईटी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के भाग- III के तहत आचार संहिता का पालन करना आवश्यक है।

मंत्री ने कहा, “ये संहिताएं स्व-नियामक प्रकृति की हैं।” मुरुगन ने कहा कि इन आचार संहिताओं के तहत प्रकाशकों को ऐसी कोई भी सामग्री प्रसारित नहीं करनी होगी जो कानून द्वारा प्रतिबंधित हो और नियमों में दिए गए सामान्य दिशानिर्देशों के आधार पर सामग्री का आयु-आधारित स्व-वर्गीकरण पांच श्रेणियों में करना होगा।उन्होंने कहा कि दिशा-निर्देशों में यह प्रावधान है कि इस प्रकार का स्व-वर्गीकरण करते समय, ऐसी सामग्री में दर्शाए गए काल के संदर्भ तथा उस देश और लोगों के समकालीन मानकों को ध्यान में रखा जाना चाहिए जिनसे ऐसी सामग्री संबंधित है।

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