Google Doodle: प्यार ही सबसे बड़ा सम्मान: लच्छू महाराज

16 अक्टूबर को हिंदुस्तान के महान तबला वादक लच्छू जी महाराज की 74वीं जयंती है लच्छू महाराज का वास्तविक नाम लक्ष्मी नारायण सिंह था लच्छू महाराज का जन्म यूपी के बनारस में 16 अक्टूबर 1944 को हुआ था देश-विदेश में लच्छू महाराज ने तबला वादन के लिए  नाम कमाया लच्छू महाराज ने कई बॉलीवुड फिल्मों के लिए भी कार्य किया थालच्छू जी महाराज की 74वीं जयंती को गूगल ने डूडल बना कर सेलिब्रेट किया है

Image result for Google Doodle: इमरजेंसी में गए थे कारागार गए थे लच्छू महाराज
लच्छू जी महाराज के पिता का नाम वासुदेव महाराज था 12 भाई-बहनों में लच्छू जी चौथे नंबर के थे लच्छू महाराज की बहन निर्मला एक्टर गोविंदा की मां हैं लच्छू महाराज ने फ्रेंच महिला टीना से विवाह की थी, जिनसे उनकी एक बेटीनारायणी है 72 वर्ष की आयु में 27 जुलाई 2016 को हार्ट अटैक से उनका निधन हो गया था बनारस के मनिकर्णिका घाट पर ही उनका अंतिम संस्कार हुआ था लच्छू जी महाराज को गवर्नमेंट ने पद्म श्री सम्मान के लिए नामित किया था लेकिन महाराज ने यह कहकर मना कर दिया कि उनके लिए लोगों से मिलने वाला प्यार ही सबसे बड़ा सम्मान है

इमरजेंसी में गए थे जेल 
बनारस घराने के लच्छू महारज 1975 में जब आपातकाल लगा तब वे भी कारागार गए कारागार के अंदर मशहूर समाजवादी नेताओं जॉर्ज फर्नांडिस, देवव्रत मजुमदार  मार्कंडेय को तबला बजाकर सुनाया करते थे यह उनके विरोध का उपाय था वे प्रख्यात कत्थक नर्तक बिरजू महाराज के चाचा  मशहूर नृत्यांगना सितारा देवी के दामाद थे

बॉलीवुड के लिए भी किया काम 
पंडित लच्छू महाराज ने बॉलीवुड के लिए भी कार्य किया उन्होंने कई हिट फिल्मों के लिए कोरियोग्राफी की ‘महल (1949)’, ‘मुगल-ए-आजम (1960)’, ‘छोटी छोटी बातें (1965)’ ‘पाकीजा (1972)’ जैसी फिल्मों में वह जुड़े वर्ष 1957 में उन्हें ‘संगीत नाटक एकेडमी अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया, जिसे कलाकारों का सबसे बड़ा अवॉर्ड माना जाता है लच्छू महाराज लखनऊ में स्थित यूपी गवर्नमेंट के कथक केंद्र के संस्थापक निदेशक भी रहे