गिलगित-बाल्टिस्तान को अस्थायी प्रांत का दर्जा देगा पकिस्तान, भारत के विरोध के बावजूद लिया फैसला

भारत के बार-बार विरोध करने के बाद भी पाकिस्तान की लालची निगाहें गिलगित-बाल्टिस्तान पर बनी हुई हैं। अब एक कदम आगे बढ़ते हुए पाकिस्तानी अधिकारियों ने सामरिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र गिलगित-बाल्टिस्तान को अस्थायी प्रांत का दर्जा देने के लिए एक कानून की रूपरेखा तय कर ली है।

कानून एवं न्याय मंत्रालय के प्रस्तावित कानून के तहत गिलगित-बाल्तिस्तान की सर्वोच्च अपीलीय अदालत (एसएसी) समाप्त की जा सकती है और क्षेत्र के निर्वाचन आयोग का पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग के साथ विलय किया जा सकता है।

सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान के संविधान, अंतरराष्ट्रीय कानूनों, संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों खास तौर से कश्मीर पर जनमत संग्रह से संबंधित प्रस्तावों का सावधानीपूर्वक अध्ययन करने के बाद विधेयक का मसौदा तैयार किया गया है।

प्रस्तावित कानून में सुझाव दिया गया है कि क्षेत्र की संवेदनशीलता को देखते हुए प्रांतों और क्षेत्रों से संबंधित संविधान के अनुच्छेद-1 में संशोधन कर उसे अस्थायी प्रांत का दर्जा दिया जा सकता है।