इस गंभीर बीमारी से बचाव के लिए रहे इन सात गलतियों से दूर, नहीं तो हो सकता है ऐसा

 आमतौर पर यह माना जाता है कि ब्रेस्ट कैंसर पचास वर्ष की आयु के बाद होता है. लेकिन बेकार लाइफस्टाइल  बदलती ज़िंदगी शैली की वजह से आजकल तीस की आयु में भी ब्रेस्ट कैंसर होने लगा है. इस गंभीर बीमारी से बचाव के लिए इन सात गलतियों से हर हाल में बचें. अक्टूबर कोब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस मंथ के रूप में मनाया जाता है. इस मौके परस्त्री रोग विशेषज्ञ डाक्टर गीतिका दरबारी बता रही हैं ब्रेस्ट कैंसर से जुड़ी कुछ खास जानकारियां

    1. महिलाओं का बढ़ता फैट की चर्बी ब्रेस्ट कैंसर का कारण बनता है. खासतौर पर मेनोपॉज के बाद स्त्रियों में ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा बेहद बढ़ने लगता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बॉडी में ज्यादा हार्मोन्स फैट टिशु से निकलते हैं. बहुत अधिक फैट जब बॉडी पर जमा होने लगता है तो एस्ट्रोजेन का लेवल कम होता है  कैंसर का खतरा बढ़ता है.

    2. अधिकांश स्त्रियों का मानना है कि ब्रेस्टफीडिंग कराने से उनका फिगर बेकार हो जाता है. इसलिए वे इसे अवॉयड करती हैं. ऐसी स्त्रियों को ब्रेस्ट कैंसर का खतरा अधिक रहता है. दरअसल ब्रेस्टफीडिंग कराने सेहार्मोंस बैलेंस में रहतेहैं, जबकि जो महिलाएं ब्रेस्टफीडिंग नहीं कराती उनमें हार्मोंस का संतुलन बिगड़ता है  ब्रेस्ट कैंसर की संभावना बढ़ती है.

    3. जो महिलाएं अपने खानपान का ध्यान नहीं रखती हैं, उनमें ब्रेस्ट ट्यूमर का खतरा अधिक होता है. ज्यादा मीठा, केचअप, स्पोर्टस ड्रिंक, चॉकलेट मिल्क सहित शुगर युक्त फूड ब्रेस्ट कैंसर की कोशिकाओं को बढ़ाने में मदद करतेहैं. इसी तरह प्रोसेस्ड फूड में मिलने वाला फैट ब्रेस्ट कैंसर की वजह बन सकता है. इसलिए इस तरह की डाइट अवॉयड करें. फास्ट फूड जैसे बर्गर, फ्रेंच फ्राइज, चाट, रेड मीट ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं.

    4. अगर आप लंबे समय तक गर्भनिरोधक दवाएं खाती हैं तो इससे भी ब्रेस्ट कैंसर का खतरा 50 फीसदी तक बढ़ जाता है. इन दवाओं में एस्ट्रोजन की मात्रा अधिक होती है जो शरीर में आवश्यकता से ज्यादा हो जाए तो ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ता है. इतना ही नहीं बल्कि बर्थ कंट्रोल इंजेक्शन और अन्य ढंग भी ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को बढ़ातेहैं. इसलिए इनके लंबे समय तक उपयोग से बचें.

    5. घर में, सफर के दौरान या बैठक में प्लास्टिक की बोतल में पानी पीना या इससे बने बर्तनों में खाना खाने से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ता है. दरअसल प्लास्टिक कंटेनर्स में इंडोक्राइन डिसरप्टिंग कैमिकल जैसा रसायन होता है जो शरीर के हार्मोनल सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है.

    6. जो महिलाएं अभ्यास करने से बचती हैं, उनमें ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. मेनोपॉज के बाद तो स्त्रियों के लिए अभ्यास करना बहुत महत्वपूर्ण होता है. अगर आपको हेवी अभ्यास पसंद न हो तो रोज आधे घंटे की सैर कर सकती हैं. आप चाहें तो बागवानी या तैराकी जैसेविकल्प चुनकर भी अपनी फिटनेस को मेंटेन कर सकती हैं. इससे पेट  कमर की चर्बी कम करने में भी मदद मिलती है.

    7. विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार शराब पीने, स्मोकिंग से स्तन के कैंसर का खतरा 8% तक बढ़ता है. शराब स्त्रियों के संभोग हार्मोन का स्तर बढ़ाती है. जर्नल ऑफ दी अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन की रिपोर्ट के मुताबिक शराब से ब्रेस्ट ट्यूमर की ग्रोथ बढ़ती है.