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पुलिस हिरासत में मौत के मामले में पुलिसकर्मियों पर FIR के निर्देश, बॉम्बे उच्च न्यायालय का आदेश

मुंबई:  बॉम्बे उच्च न्यायालय ने बदलापुर पुलिस एनकाउंटर मामले में पांच पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस डॉ. नीला गोखले की खंडपीठ ने आदेश में कहा कि ‘पुलिस मुठभेड़ की जांच की जानी चाहिए। मृतक के माता-पिता की गैरमौजूदगी में मामले को बंद करना आसान होता, लेकिन एक संवैधानिक अदालत एफआईआर दर्ज करने की अनिच्छा को नजरअंदाज नहीं कर सकती। इस तरह का आचरण जनता के विश्वास को कमजोर करता है। हम मूकदर्शक नहीं बने रह सकते।’

जांच के लिए एसआईटी गठित करने का आदेश
उच्च न्यायालय ने बदलापुर मामले की जांच के लिए मुंबई के संयुक्त पुलिस आयुक्त लखमी गौतम को एक एसआईटी गठित करने का आदेश दिया है। संयुक्त पुलिस आयुक्त को एसआईटी गठित करने के लिए अपनी पसंद के अधिकारियों का चयन करने की आजादी दी गई है और टीम का नेतृत्व एक डीसीपी करेंगे। अदालत ने सीआईडी को दो दिनों के भीतर सभी कागजात एसआईटी को सौंपने का निर्देश दिया है।

बॉम्बे उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार की उस अपील को भी खारिज कर दिया, जिसमें राज्य सरकार ने दो हफ्ते तक इस मामले में आदेश जारी न करने की मांग की थी। बदलापुर स्कूल यौन शोषण के आरोपी अक्षय शिंदे को 23 सितंबर 2024 को कथित तौर पर एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया था। अक्षय के परिजनों ने पुलिस एनकाउंटर पर सवाल उठाए और इसे फर्जी मुठभेड़ करार दिया। परिजनों ने कहा कि उनके बेटे की हत्या की गई है। अक्षय के माता-पिता ने बॉम्बे उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर पुलिस एनकाउंटर की जांच की मांग की थी।

क्या है मामला
महाराष्ट्र के बदलापुर में 12 अगस्त 2024 को एक स्कूल में बच्ची के साथ यौन शोषण की घटना हुई थी। जिसमें पुलिस ने आरोपी अक्षय शिंदे को गिरफ्तार किया था। 23 सितंबर 2024 को पुलिस एनकाउंटर में अक्षय की मौत हो गई । पुलिस ने दावा किया कि अक्षय ने पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश की और इस दौरान पुलिसकर्मियों पर हमला किया। पुलिस का कहना है कि आत्मरक्षा में चलाई गई गोली से अक्षय की मौत हो गई।

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