किसानों को उनकी फसलों का ठीक दाम न मिलने पर सोनिया ने खड़े किए ये सवाल

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने किसानों को उनकी फसलों का ठीक दाम नहीं मिलने का शनिवार को आरोप लगाया व दावा किया कि बीजेपी सरकार की नीतियों के चलते देश के किसान आज ‘काली दीपावली’ मनाने को विवश है. उन्होंने यह भी बोला कि सरकार का ”असली राजधर्म” यह है कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिले.

सोनिया ने एक बयान में कहा, ”भाजपा सरकार ने सत्ता संभालते ही धोखे की बुनियाद रख दी थी. उसने किसानों को लागत के साथ 50 प्रतिशत का मुनाफा समर्थन मूल्य के तौर पर देने का वादा किया था. लेकिन वर्ष दर वर्ष बीजेपी सरकार मुट्ठी भर बिचौलियों व जमाखोरों को लाभ पहुंचाती रही व अन्नदाता किसानों से लाखों करोड़ रुपये लूटती रही.”

उन्होंने कहा, ”सवाल यह है कि दिवाली के त्यौहार के दिन किसान काली दिवाली मनाने को विवश क्यों हैं? देश की विभिन्न मंडियों में खरीफ फसलें समर्थन मूल्य से आठ प्रतिशत से लेकर 37 प्रतिशत तक कम पर बिक रही हैं. यानी खरीफ फसलों की बिक्री की दर समर्थन मूल्य से औसतन 22.5 फिसदी कम है.”

उन्होंने सवाल किया, ”खरीफ 2019-20 में कुल खाद्यान्न उत्पादन 1405.7 करोड़ टन अनुमानित है । जिस प्रकार मंडियों में उपज समर्थन मूल्य से औसतन 22.5 प्रतिशत कम की दर पर बिक रही है उससे देश के किसानों को लगभग 50 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होगा. इसकी भरपाई कौन करेगा?”

कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया, ”भविष्य में व अधिक चिंता साल 2020-21 की रबी फसलों के समर्थन मूल्य के निर्धारण की है क्योंकि बीजेपी सरकार ने रबी फसलों में पिछले सालों की तुलना में मात्र चार से सात प्रतिशत की बढ़ोतरी की है.”

उन्होंने आरोप लगाया, “किसानों को फसलों के ठीक दाम नहीं मिल रहे हैं व खेती के उत्पादों का निर्यात घट रहा है. किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है.” सोनिया ने कहा, ”कांग्रेस की मांग है कि देश के किसान का यह दोहरा उत्पीड़न बन्द हो व उन्हें अपने परिश्रम का ठीक मूल्य मिले. यही सरकार का वास्तविक राजधर्म है.”