
नई दिल्ली: मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोपों के बीच चुनाव आयोग (ईसी) ने मंगलवार को सभी राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया है ताकि चुनावी प्रक्रिया को और मजबूत किया जा सके। आयोग ने एक बयान में कहा कि उसने सभी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय सियासी दलों से 30 अप्रैल तक ‘किसी भी अनसुलझे मुद्दे’ पर सुझाव देने के लिए आमंत्रित किया है। ये मुद्दे चुनावी पंजीकरण अधिकारियों, जिला चुनाव अधिकारियों और मुख्य चुनाव अधिकारियों के स्तर के हो सकते हैं।
चुनाव आयोग ने मंगलवार को राजनीतिक दलों को व्यक्तिगत पत्र भेजे हैं। पत्र में आयोग ने पार्टी अध्यक्षों और वरिष्ठ नेताओं से मिलकर एक बैठक करने का सुझाव दिया है, ताकि चुनाव कानून के तहत चुनावी प्रक्रिया को और मजबूत किया जा सके।
पिछले हफ्ते चुनाव आयोग की एक बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारियों (सीईओ), जिला चुनाव अधिकारियों (डीईओ) और ईआर को निर्देश दिया था कि वे राजनीतिक दलों के साथ नियमित बैठकें करें और इन बैठकों से मिले सुझावों का समाधान मौजूदा कानूनी ढांचे के तहत करें और 31 मार्च तक रिपोर्ट पेश करें।
आयोग ने राजनीतिक दलों से आग्रह किया कि वे विकेंद्रीकरण के इस तंत्र का सक्रिय रूप से उपयोग करें। राजनीतिक दल इसके द्वारा पहचाने गए 28 प्रमुख हितधारकों में से एक हैं। पत्र में आयोग ने यह भी कहा कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और 1951, निर्वाचक पंजीकरण नियम 1960, चुनाव संचालन नियम 1961, सुप्रीम कोर्ट के आदेशों ने एक विकेंद्रीकृत, मजबूत और पारदर्शी कानूनी ढांचा बनाया है, जो स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करता है।