इस कारण व्यापारी माल मंगाने का जोखिम नहीं उठा पा रहे, मंडी में सन्नाटा पसरा

 कर्नाटक की प्याज आने के बाद बाजार के हालात में सुधार आने की उम्मीद जताई जा रही है। पहडिय़ा मंडी के प्याज कारोबारियों का कहना है कि दो से तीन दिन में कर्नाटक की नई प्याज की उपलब्धता के बाद हालत में सुधार होने की संभावना है। हर साल इस मौसम में जहां प्याज के व्यापारियों के पास माल रखने की जगह नहीं होती थी वहीं इस बार मंडी में सन्नाटा पसरा है। जो प्याज आ भी रही है टिकाऊ नहीं है। इस कारण व्यापारी माल मंगाने का जोखिम नहीं उठा पा रहे हैं।

बेमौसम बरसात के कारण पहली फसल की 75 प्रतिशत प्याज खराब हो चुकी है। अभी पुरानी प्याज के सहारे ही बाजार चलाया जा रहा है। दिसंबर तक गुजरात से प्याज आने लगेगी साथ ही महाराष्ट्र व कर्नाटक की दूसरी फसल भी तब तक तैयार हो जाएगी। मौसम की मार नहीं पड़ी ता दिसंबर तक प्याज के हालात सामान्य हो जाएंगे। शुक्रवार को पहडिय़ा मंडी में नई प्याज की एक व पुरानी प्याज की चार गाडिय़ों की आवक दर्ज हुई। थोक दर में प्याज 50 रुपये प्रतिकिलो बेचा गया। प्याज के बढ़े हुए भाव के मद्देनजर पहडिय़ा मंडी की महुआ प्याज कंपनी के अधिष्ठाता थोक भाव में फुटकर प्याज बेच रहे हैं। यानी की पचास रुपये की दर से काई व्यक्ति एक से दो किलो प्याज भी खरीद सकता है।

लहसुन के भाव में आई नरमी

मौसम सुधरने के साथ ही लहसुन के भाव में भी नरमी आना शुरु हो गई है। हांलाकि भाव अभी सामान्य तो नहीं हुए हैं लेकिन पहले से कम हैं। गुणवत्ता के आधार पर थोक में लहसुन 125 से 180 रुपये प्रति किलो बेचा गया। लहसुन का भाव पहले दो सौ रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया था। शुक्रवार को मंडी में लहसुन की आवक चार गाड़ी दर्ज की गई। व्यापारी इस समय राजस्थान व मध्य प्रदेश से लहसुन मंगा रहे हैं।