कर्मचारियों की हड़ताल से यूपी बेहाल, ग्रामीण क्षेत्रों में दो दिनों से नहीं आ रही बिजली

त्तर प्रदेश में बिजली संकट का अभी तक कोई हल निकलता नजर नहीं आ रहा है। शहरी क्षेत्रों में जहां बिजली की भारी कटौती हो रही है तो वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में दो दिनों से लोगों ने बिजली के दर्शन भी नहीं किए हैं।

छोटे-मोटे उद्दोग भी ठप हो गए हैं। घरेलू कामों में भी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अब तक दो बार बिजलीकर्मियों और सरकार के बीच वार्ता हो चुकी है लेकिन दोनों ही बार बेनतीजा रही है। कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से व्यवस्था चरमरा गई है।

बिजली कर्मचारियों के प्रदेशव्यापी हड़ताल को तीन दिन हो चुके हैं। पहले कर्मचारियों ने 72 घंटे हड़ताल करने की बात कही थी लेकिन मांगें पूरी नहीं होने पर अब तक कोई समाधान नहीं निकला है। कर्मचारियों ने यह भी धमकी दी है कि अगर किसी किसी को नौकरी से निकाला जाता है या फिर गिरफ्तार किया जाता है तो यह हड़ताल अनिश्चितकालीन हो जाएगी। वहीं ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने कहा कि आपूर्ति सामान्य है और पिछले 24 घंटे में 1332 संविदा कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।

बिजली विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल और पावर कट की वजह से वाराणसी में लोग सड़कों पर आ गए। शहर के भदाइनी पावर स्टेशन पर प्रदर्शनकारियों ने चक्का जाम कर दिया। इसके बाद एडीएम गौरव श्रीवास्तव पहुंचे। वहीं सीएम योगी ने कहा है कि हड़ताल से अगर परेशानी खड़ी होती है तो कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसेंशल सर्विस मेंटिनेंस ऐक्ट के तहत उनके खिलाफ ऐक्शन लिया जाएगा। इसके अलावा प्रदर्शन के दौरान अगर तोड़-फोड़ होती है तो एनएसए के तहत भी केस दर्ज होगा।

उत्तर प्रदेश में इन दिनों गांवों का यह हाल है कि अंधेरा होते ही घर अंधेरे में खो जाते हैं। रायबरेली, बाराबंकी के हजारों गांवों में बिजली की सप्लाई नहीं हो रही है। इसके अलावा रायबरेली AIIMS में स्वास्थ्य सुविधाएं भी प्रभावित हो रही हैं। आवश्यक जगहों पर जनरेटर की मदद से किसी तरह काम चलाने की कोशिश की जा रही है। वहीं बिजली कर्मचारियों के उपलब्ध ना होने की वजह से जगह-जगह फाल्ट आ गया है। यह प्रशासन के लिए नई चुनौती बन गया है।