‘नेतन्याहू को युद्ध विराम समझौते से पीछे हटाना चाहते हैं’, डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी पर हमास का पलटवार

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी के बाद हमास ने जवाब दिया है। हमास ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से फलस्तीनियों के खिलाफ बार-बार धमकियां दी जा रही हैं। यह इस्राइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू को गाजा युद्धविराम समझौते से पीछे हटाने, गाजा के लोगों की घेराबंदी और भुखमरी बढ़ाने का समर्थन करना है।
हमास के प्रवक्ता अब्देल-लतीफ अल-कनौआ ने एक संदेश में बताया कि शेष इस्राइली कैदियों को रिहा करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि कब्जे को दूसरे चरण में ले जाया जाए। इस्राइल को मध्यस्थों के जरिये हस्ताक्षरित समझौते का पालन करने के लिए मजबूर किया जाए।
ट्रंप ने क्या कहा था
गुरुवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमास को अंतिम चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा कि गाजा में बंधक बनाए गए सभी लोगों को रिहा करना ही होगा। अमेरिकी राष्ट्रपति ने तल्ख अंदाज में कहा, ‘सभी बंधकों को तत्काल रिहा करें, बाद में नहीं… जिन लोगों की आपने हत्या की है, उनके शवों को तुरंत वापस करें।’ ट्रंप ने गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी देते हुए कहा, रिहाई न करने पर आपका (हमास) काम खत्म हो जाएगा। ट्रंप ने हमास की मानसिकता को घृणित बताते हुए कहा, ‘केवल बीमार और विकृत लोग ही शव रखते हैं… आप बीमार और विकृत हैं!’
अमेरिका इस्राइल को वह सब कुछ भेज रहा है, जिससे…
ट्रंप ने कहा कि अमेरिका इस्राइल को वह सब कुछ भेज रहा है जो उसे काम पूरा करने के लिए चाहिए। अगर आप (हमास) मेरी बात नहीं मानेंगे तो हमास का एक भी सदस्य सुरक्षित नहीं रहेगा। मैं अभी आपके पूर्व बंधकों से मिला हूं, जिनकी जिंदगी आपने बर्बाद कर दी है। यह आपको आखिरी चेतावनी है। अब गाजा छोड़ने का समय आ गया है। गाजा के लोगों के लिए एक सुंदर भविष्य आपका इंतज़ार कर रहा है, लेकिन अगर आप बंधकों को बंदी बनाए रखेंगे तो नहीं। अगर आप ऐसा करेंगे, तो आप मर जाएंगे। समझदारी भरा फैसला लें। बंधकों को अभी रिहा करें, नहीं तो बाद में आपको बहुत कुछ भुगतना पड़ेगा।
टकराव बढ़ने का खतरा क्यों?
बता दें कि इस्राइल और हमास के बीच युद्धविराम समझौते का पहला चरण एक मार्च को खत्म हो गया। दूसरे चरण के लिए दोनों पक्षों में सहमति नहीं बन सकी है। इस्राइल चाहता है कि गाजा में संघर्ष विराम के पहले चरण को रमजान तक बढ़ाया जाए। हालांकि, हमास ने बातचीत पर जोर दिया और सीजफायर की समयसीमा बढ़ाने का प्रस्ताव खारिज कर दिया। समझौते का जो दूसरा चरण लागू किया जाना है, उसमें गाजा में बचे हुए सभी जीवित बंधकों की वापसी और क्षेत्र से सभी इस्राइली सैनिकों को वापस बुलाया जाना शामिल है।