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‘सरकारी मुफ्त योजनाओं पर न रहें निर्भर, खुद करें सोलर ऊर्जा पैदा’, मंत्री जोशी की लोगों से अपील

नई दिल्ली: केंद्रीय ऊर्जा मंत्री प्रहलाद जोशी ने गुरुवार को लोगों से सरकारों पर मुफ्त योजनाओं के लिए निर्भर न रहने की अपील की। उन्होंने उनसे खुद सोलर ऊर्जा पैदा करने का आग्रह किया। बता दें, मंत्री ने ‘सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ पर उपभोक्ताओं, विद्युत आपूर्ति कंपनी (ईएससीओएम) के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ एक परामर्श बैठक में भाग लिया था।

‘बिजली क्षेत्र में स्थिरता देश के सुरक्षित भविष्य की कुंजी बनने जा रही’
इस दौरान जोशी ने कहा, ‘पर्यावरण के लिए हानिकारक कोर सेक्टर सामग्री का उपयोग करके उत्पादित मुफ्त बिजली के वितरण के पीछे क्या उद्देश्य थे, इस पर मैं टिप्पणी नहीं करूंगा। लेकिन बिजली क्षेत्र में स्थिरता देश के सुरक्षित भविष्य की कुंजी बनने जा रही है।’

पीएम मोदी ने की थी योजना की शुरुआत
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 15 फरवरी 2024 को शुरू की गई सूर्या घर मुफ्त बिजली योजना का उद्देश्य भारतीय घरों को मुफ्त में बिजली देना है। इसके तहत उनके घरों की छतों पर सोलर पैनल स्थापित करने के लिए सब्सिडी दी जाएगी। यह सब्सिडी सोलर पैनल की लागत का 40 प्रतिशत तक कवर करेगी।

उन्होंने कहा कि गैर-नवीकरणीय स्रोतों से जुड़ी मुफ्त योजनाओं के लिए किसी को तो कीमत चुकानी ही पड़ेगी। इस सौदेबाजी में कार्यान्वयन निकायों को उत्पादन लागत में कटौती के रूप में कई शॉर्टकट अपनाने होंगे, जिससे वे अनुत्पादक हो जाएंगे और बेकार हो जाएंगे। उन्होंने अपनी पूर्व कोयला मंत्रालय की भूमिका को याद करते हुए कहा कि जो कुछ भी ‘मुफ्त’ बांटा जा रहा है, उसकी कीमक बहुत अधिक है।

ढाई लाख टन कोयले का खनन…
उन्होंने आगे कहा, ‘मुझे आंकड़े भी याद हैं। ढाई लाख टन कोयले का खनन भारी लागत और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हुए किया जा रहा था, जिसे ताप विद्युत उत्पादकों तक पहुंचाया जा रहा था। जबकि ताप विद्युत उत्पादन की प्रक्रिया में बहुत अधिक लागत शामिल थी।’

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