दिल्ली चुनाव : चुनाव आयोग ने किया ये बड़ा बदलाव , अब वोट डालने से पहले दिया जाएगा ये…

2015 के चुनाव में आम आदमी पार्टी के वेद प्रकाश ने जीत दर्ज की थी। लेकिन यहां 2017 में उप चुनाव करवाना पड़ा। जिसमें केजरीवाल ने प्रत्याशी बदल कर जीतने की जिम्मेदारी राम चंदर को दी।

 

उन्होंने पार्टी को जीत दिला दी। लेकिन अब 2020 में पार्टी ने राम चंदर की भी टिकट काट दी। इस बार यहां से जय भगवान को मैदान में उतारा है।

जबकि भाजपा ने यहां रविंद्र कुमार इंदराज को लड़ाया है। यहां सबसे ज्यादा तीन बार कांग्रेस पार्टी ने चुनाव जीता है। कांग्रेस पार्टी ने यहां सुरेंद्र कुमार को मैदान में उतारा है। वैसे तो कांग्रेस पार्टी के गढ़ को यहां पर आम आदमी पार्टी ने तोड़ दिया है।

आम आदमी पार्टी के लोकल नेताओं का दावा है कि ‘आप’ के कार्यकाल में यहां शाहबाद डेरी में स्कूल बनाया गया। कॉलोनियों में सीवर और पाइप लाइन डाली गई।

यहां की जेजे कॉलोनियों में गलियों और सड़कों का निर्माण हुआ। स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए दस मुहल्ला क्लिनिक बनाए गए।बवाना विधानसभा क्षेत्र दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर स्थित है। यह सोनीपत जिले से लगती है। यह उन 12 सीटों में से एक है जो अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित हैं।

बवाना विधानसभा उत्तर पश्चिम दिल्ली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के तहत आता है। यह ग्रामीण बहुल क्षेत्र है। समस्याओं की सूची लंबी है।

ऐसा लगता है कि आउटर एरिया की वजह से सरकार ने यहां ज्यादा ध्यान नहीं दिया। सीवर, पानी, सफाई, अतिक्रमण, और परिवहन जैसी समस्याओं से लोग परेशान हैं। सरकार की कई योजनाएं अधूरी पड़ी हैं।