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थाईलैंड पर बड़ी जीत दर्ज करने उतरेंगी बेटियां, दो जीत दर्ज कर चुकी है भारतीय टीम

एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी हॉकी में महिला टीम लगातार तीसरे जीत दर्ज करने उतरेगी। सलीमा टेटे की टीम बृहस्पतिवार को विश्व नंबर 29 थाईलैंड के सामने होगी तो उसकी कोशिश बड़ी जीत दर्ज करने की होगी। भारत ने पहले मैच में मलयेशिया को 4-0 से और तीन बार के विजेता कोरिया को 3-2 से हराया। वहीं, थाईलैंड को विश्व नंबर छह चीन के हाथों 0-15 से करारी हार मिली, लेकिन अगले मैच में उसने मजबूत जापान को 1-1 से बराबरी पर रोककर सभी को हैरान कर दिया।

गोल के अवसर भुनाने होंगे
छह टीमों के इस टूर्नामेंट में भारत दूसरे स्थान पर चल रहा है। 20 के गोल अंतर के साथ चीन पहले स्थान पर है, जबकि विश्व नंबर नौ भारत का गोल अंतर पांच है। राउंड रोबिन में शीर्ष चार पर रहने वाली टीमों को सेमीफाइनल में प्रवेश मिलेगा। जापान तीसरे और कोरिया चौथे स्थान पर चल रहा है। भारत ने दो जीत जरूर दर्ज की हैं, लेकिन दोनों ही मैचों में उसने गोल करने के कई अवसर गंवाएं हैं। खासतौर पर विरोधी खेमे में दिखाई गई हड़बड़ाहट और विकल्प चुनने की लड़खड़ाहट ने काम बिगाड़ा है। कोच हरेंदर सिंह ने भी इसे स्वीकार किया। वह कहते हैं कि हमने हड़बड़ी में सही विकल्प नहीं चुने। हम मैच की वीडियो क्लिपंग देखकर इन महत्वपूर्ण मुद्दों को हल करने की कोशिश करेंगे।

पेनल्टी कॉर्नर का उठाना होगा लाभ
भारतीय टीम पेनल्टी कॉर्नर को भी नहीं भुना पाई है। मलयेशिया के खिलाफ उसे 11 पेनल्टी कॉर्नर मिले, जिसमें से तीन को उसने इनडायरेक्ट तरीके से भुनाया। कोरिया के खिलाफ उसे आठ पेनल्टी कॉर्नर मिले और एक पर भी गोल नहीं किया। सकारात्मक पक्ष संगीता कुमारी और दीपिका का अच्छा प्रदर्शन है। दोनों ने तीन-तीन गोल किए हैं। संगीता का स्टिक वर्क और तेजी शानदार रही है, लेकिन शर्मिला देवी, प्रीति दुबे, ब्यूटी डुंगडुंग को और जिम्मेदारी निभानी होगी। वहीं, मिडफील्ड में कप्तान सलीमा टेटे और उपकप्तान को नवनीत कौर को अपने खेल का स्तर और ऊपर उठाना होगा। भारत को अंतिम दो मैच जापान और चीन के खिलाफ खेलने हैं। ऐसे में थाईलैंड पर बड़ी जीत उसका मनोबल बढ़ाएगी।

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