कोरोना वैक्सीन ट्रायल के लिए युवक को लगाया…हुआ ऐसा असर , तबीयत बिगड़ने पर…

तबीयत बिगड़ने पर इआन को इमरजेंसी क्लिनिक में इलाज किया गया, लेकिन जब वे वापस घर लौटे तो बेहोश हो गए. हालांकि, 24 घंटे के भीतर उनकी तबीयत में सुधार देखने को मिला.

 

इआन ने कहा कि वे समझते हैं कि कुछ लोगों को उनके बारे में जानकर डर लगेगा. लेकिन उम्मीद है कि आमतौर पर किसी वैक्सीन को लेकर या फिर खासतौर से मॉडर्ना की वैक्सीन को लेकर लोग विरोध नहीं करेंगे.

हाल ही में Reuters/Ipsos से अमेरिका में एक सर्वे किया था. सर्वे में पता चला कि करीब एक चौथाई अमेरिकी युवक कोरोना वैक्सीन लगवाने में रुचि नहीं रखते हैं. इनमें से कई लोगों ने सुरक्षा को लेकर चिंता जताई.

Reuters/Ipsos ने अमेरिका के 4428 वयस्कों पर सर्वे किया था. 14 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें वैक्सीन लगाने में रुचि नहीं है, 10 फीसदी ने कहा कि वे बहुत रुचि नहीं रखते हैं, जबकि 11 फीसदी वैक्सीन लगाने पर फैसला नहीं कर पाए थे.

हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि कोरोना वायरस से कम्युनिटी में इम्युनिटी हासिल करने के लिए कम से कम 70 फीसदी लोगों को इम्यून करने की जरूरत होगी. वहीं, इआन हेडन ने कहा कि जब उन्हें मॉडर्ना वैक्सीन की पहली डोज लगाई गई तो हाथों में कुछ दर्द हुआ और हाथ कंधे से ऊपर उठाने में भी उन्हें दिक्कत हुई.

हालांकि, खुद पर बुरा असर होने के बावजूद इआन ने कहा कि वे चाहते हैं कि जब वैक्सीन उपलब्ध हो तो लोग लगवाएं. इआन ने कहा कि वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाने के करीब 12 घंटे बाद उन्हें 103 फारेनहाइट बुखार हो गया था.

कई देशों में कोरोना वैक्सीन को लेकर ट्रायल चल रहा है. अमेरिका की मॉडर्ना कंपनी ने भी एक वैक्सीन तैयार की है और ट्रायल जारी है. अब इस वैक्सीन को लगवाने वाले एक युवक पर इसका ‘बुरा असर’ होने की जानकारी मिली है.

वॉशिंगटन के रहने वाले 29 साल के युवक इआन हेडन ने कोरोना वैक्सीन लगवाई थी. हेल्थ न्यूज वेबसाइट STAT News से बात करते हुए इआन ने बताया कि वे बेहोश हो गए थे.