
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को नागपुर का दौरा किया। इस दौरान पीएम मोदी संघ के स्मृति मंदिर गए। यहां से उन्होंने दीक्षाभूमि पहुंचकर डॉ. बीआर आंबेडकर को श्रद्धांजलि दी। यहां डॉ. आंबेडकर ने 1956 में अपने हजारों अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म अपना लिया था। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विकसित और समावेशी भारत का निर्माण ही भारतीय संविधान के मुख्य निर्माता डॉ. बी.आर. अंबेडकर को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
पीएम मोदी ने दीक्षाभूमि पर श्रद्धांजलि अर्पित की
नागपुर की अपनी यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने दीक्षाभूमि पर श्रद्धांजलि अर्पित की, जहां अंबेडकर ने 1956 में अपने अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म अपनाया था। वे दीक्षाभूमि में स्तूप के अंदर गए और वहां रखी आंबेडकर की अस्थियों को श्रद्धांजलि दी।
‘सामाजिक सद्भाव, समानता और न्याय के सिद्धांतों को महसूस किया जा सकता है’
कार्यक्रम स्थल पर आगंतुकों की डायरी में हिंदी में लिखे अपने संदेश में मोदी ने कहा, ‘मैं अभिभूत हूं कि मुझे नागपुर में डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के पांच ‘पंचतीर्थ’ में से एक दीक्षाभूमि पर जाने का अवसर मिला। यहां के पवित्र वातावरण में बाबासाहब के सामाजिक सद्भाव, समानता और न्याय के सिद्धांतों को महसूस किया जा सकता है।’
पीएम मोदी ने आखिरी बार 2017 में दीक्षाभूमि का दौरा किया था
उन्होंने आगे लिखा कि दीक्षाभूमि लोगों को गरीबों, वंचितों और जरूरतमंदों के लिए समान अधिकार और न्याय की व्यवस्था के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। पीएम मोदी ने कहा, ‘मुझे पूरा विश्वास है कि इस अमृत कालखंड में हम बाबासाहब के मूल्यों और शिक्षाओं के साथ देश को प्रगति की नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। एक विकसित और समावेशी भारत का निर्माण करना ही बाबासाहब को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।’ पीएम मोदी ने आखिरी बार 2017 में दीक्षाभूमि का दौरा किया था।