राशन कार्ड धारकों को सीएम योगी ने दी एक और राहत, जानने लिए पढ़े पूरी खबर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राशन कार्ड धारकों को एक और राहत दी है। प्रदेश के प्रत्येक परिवार इकाई को जारी की जा रही ‘परिवार आईडी’ प्रक्रिया की समीक्षा की। कहा कि राशनकार्ड धारकों की परिवार आईडी बनवाने की जरूरत नहीं है।

वर्तमान में उत्तर प्रदेश में निवासरत लगभग 3.61 करोड़ परिवार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ पा रहे हैं। सीएम ने कहा कि इन परिवारों की राशनकार्ड संख्या ही फैमिली आईडी होगी जबकि ऐसे परिवार जो कि राशन कार्ड धारक नहीं है, वह पोर्टल https://familyid.up.gov.in पर पंजीयन कर परिवार आईडी प्राप्त कर सकते हैं।

सीएम ने कहा कि हर परिवार के न्यूनतम एक सदस्य को रोजगार-सेवायोजन से जोड़ने के संकल्प के लिए परिवार आईडी जारी की जा रही है। यह सुखद है कि अब तक प्राप्त 78 हजार आवेदनों में से 33 हजार से अधिक आवेदन स्वीकृत किए जा चुके हैं। इस योजना का अधिकाधिक प्रचार-प्रसार किया जाए।

प्रदेश का कोई भी परिवार इससे वंचित न रहे। परिवार आईडी के माध्यम से प्राप्त एकीकृत डेटाबेस के आधार पर रोजगार से वंचित परिवारों का चिन्हांकन कर उन्हें रोजगार के समुचित अवसर प्राथमिकता पर उपलब्ध कराए जा सकेंगे।

सीएम ने निर्देश दिए कि एक परिवार-एक पहचान योजना के तहत प्रत्येक परिवार को एक विशिष्ट पहचान जारी की जा रही है, जिससे राज्य की परिवार इकाइयों का एक लाइव व्यापक डेटाबेस स्थापित होगा। यह डेटाबेस लाभार्थीपरक योजनाओं के बेहतर प्रबंधन, समयबद्ध लक्ष्यीकरण, पारदर्शी संचालन एवं योजना का शत-प्रतिशत लाभ पात्र व्यक्तियों तक पहुंचाने और जनसामान्य के लिए सरकारी सुविधाओं के सरलीकरण करने में सहायक होगा।

सभी संबंधित विभाग इसमें सहयोग करें। उन्होंने निर्देश दिए कि राज्य सरकार द्वारा संचलित सभी अवशेष लाभार्थीपरक योजनाओं की आधार अधिसूचना एवं परिवार आईडी से लिंकेज किया जाए।

सीएम ने निर्देश दिए कि आईटीआई, पॉलिटेक्निक एवं अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों में नए प्रवेश का आधार एवं तदोपरान्त परिवार आईडी से लिंक किया जाए। केन्द्र सरकार के सहयोग से संचालित समस्त योजनाओं का डेटाबेस प्राप्त कर उसे परिवार कल्याण पास बुक एवं फेमली आईडी से जोड़ा जाए।

सीएम ने निर्देश दिए कि हर एक परिवार को मिल रहे शासकीय योजनाओं के लाभ का पूरा विवरण दर्शाते हुए परिवार का पासबुक भी तैयार कराया जाए। इससे प्रदेश के हर परिवार के स्वावलम्बन और सशक्तिकरण का अभियान पूरा किया जा सकेगा। पास-बुक और परिवार आईडी जारी करने से पूर्व परिवार के संबंध में सभी जानकारी को विधिवत प्रमाणित किया जाए।