सीआईडी ने SIT प्रमुख को नहीं सौंपे कागजात, नाराज हाईकोर्ट ने दी अवमानना की चेतावनी

मुंबई:बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को महाराष्ट्र सरकार पर कड़ी नाराजगी जताई और कहा कि उसके साफ-साफ आदेश के बावजूद पुलिसवालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं करना बहुत गंभीर मामला है। कोर्ट ने कहा कि इससे समाज में गलत संदेश जा रहा है और कानून का शासन कमजोर हो रहा है। यह मामला बदलापुर स्कूल यौन शोषण केस में आरोपी अक्षय शिंदे की मौत से जुड़ा है। अक्षय शिंदे की 23 सितंबर 2024 को पुलिस कस्टडी में गोली लगने से मौत हो गई थी। पुलिस ने दावा किया था कि उसने एक पुलिसवाले की बंदूक छीन ली थी और आत्मरक्षा में उसे गोली मारी गई, लेकिन उसके परिवार ने आरोप लगाया कि यह फर्जी एनकाउंटर था।
बॉम्बे हाईकोर्ट का सख्त रुख
7 अप्रैल को हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि इस मामले की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) बनाई जाए और जांच की जिम्मेदारी ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर (क्राइम) लक्ष्मी गौतम को दी जाए। कोर्ट ने यह भी कहा था कि महाराष्ट्र की सीआईडी को दो दिनों के भीतर जांच से जुड़े सभी दस्तावेज लक्ष्मी गौतम को सौंपने चाहिए। लेकिन शुक्रवार को सुनवाई के दौरान पता चला कि अब तक कागजात ट्रांसफर नहीं हुए हैं। इस पर कोर्ट ने सीआईडी अफसरों को फटकार लगाई और अवमानना की चेतावनी दी।
सीआईडी अफसर कोर्ट के सामने पेश
इस मामले में सीआईडी प्रमुख और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रशांत बुरड़े वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कोर्ट में पेश हुए और भरोसा दिलाया कि सभी दस्तावेज आज शाम तक एसाईटी प्रमुख को सौंप दिए जाएंगे। कोर्ट ने यह बयान स्वीकार किया और कहा कि अब सीआईडी के एसपी प्रशांत वानगुडे को यह काम करना होगा। लक्ष्मी गौतम ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने एसआईडी का गठन कर लिया है, जैसा कि कोर्ट ने आदेश दिया था।
एफआईआर न होने पर सवाल
हाईकोर्ट ने ये भी कहा कि ललिता कुमारी केस में सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि अगर कोई अपराध प्रथम दृष्टया दिख रहा हो, तो एफआईआर दर्ज करना अनिवार्य होता है। ऐसे में 7 अप्रैल के आदेश के बाद तुरंत एफआईआर हो जानी चाहिए थी, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ। सरकार ने बताया कि उन्होंने 9 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी है और उस पर 5 मई को सुनवाई है। लेकिन हाईकोर्ट ने साफ कहा कि जब तक सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पर रोक नहीं लगाई है, तब तक सरकार को उसका पालन करना होगा।