तिब्बत की संस्कृति और धर्म पर चीन का ‘दमन’, अमेरिकी कांग्रेस की रिपोर्ट में अत्याचारों का खुलासा
अमेरिकी कांग्रेस की रिपोर्ट (सीईसीसी) में तिब्बत में चीन की सरकार की तरफ से किए जा रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन का खुलासा हुआ है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि तिब्बत की धार्मिक, सांस्कृतिक और जातीय स्वतंत्रता पर सख्त प्रतिबंध लगाए गए हैं। इसमें विशेष रूप से तिब्बती बौद्ध धर्म, राजनीतिक दमन और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों की भूमिका का जिक्र किया गया है, जो चीन की इस दमनकारी नीति को बढ़ावा दे रही हैं।
तिब्बती धर्म और संस्कृति पर हमले
अमेरिकी कांग्रेस रिपोर्ट में बताया गया कि तिब्बत और अन्य तिब्बती इलाकों में धार्मिक गतिविधियों पर सख्त प्रतिबंध लगाए गए हैं। तिब्बती बौद्ध धर्म के अनुयायियों को धार्मिक आयोजन करने और मठों में जाने से रोका जा रहा है। बड़े धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के दौरान इन प्रतिबंधों को और बढ़ा दिया जाता है।
चीन ने तिब्बती धर्म को खत्म करने और इसे अपने ‘सिनीसाइजेशन’ (चीनीकरण) नीति के तहत बदलने की कोशिश की है। इसके तहत पारंपरिक तिब्बती संस्कृति और धर्म को सरकारी नियंत्रण वाले रूप में ढालने की कोशिश की जा रही है। इसमें मठों के भिक्षुओं को जबरन हटाया जा रहा है, जैसे ड्रगकर (शिन्हाई) काउंटी के अत्शोग मठ के भिक्षुओं को हटा दिया गया क्योंकि वहां पनबिजली प्रोजेक्ट बनाने की योजना है। इसके अलावा, चीन ने तिब्बती बच्चों के लिए बोर्डिंग स्कूल बनाए हैं, जहां उनकी संस्कृति और भाषा को खत्म करने की कोशिश की जा रही है।