चीन मिटाना चाहता है इस देश की पहचान, दलाई लामा ने दी ये जानकारी, कहा छोड़ने जा रहा…

चीनी (China) राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi jinping) ने बीते दिनों तिब्बत (Tibet) को चीनी संस्कृति से जोड़ने के आह्वान के साथ ही नए-वहीं हिंदुस्तान में निर्वासित ज़िंदगी जी रहे तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा इसे सांस्कृतिक नरसंहार बोला है.

उन्होंने तल्ख लहेजे में बोला कि चाइना तिब्बत की पहचान मिटाना चाहता है. वह तिब्बतियों को उनकी पहचान से दूर ले जाना चाहता है. इससे वे मानसिक रूप से चाइना के अधीन बन जाएंगे.

जिनपिंग तिब्बत की जिस सोच में परिवर्तन की बात कह रहे हैं, वह वहां की सांस्कृतिक पहचान में परिवर्तन की बात है. दरअसल शी ने पार्टी प्रोग्राम में कहा, तिब्बत के स्कूलों में सियासी व विचारधारा वाली एजुकेशन दी जाए.

जिससे उनमें पढ़ने वाले विद्यार्थी चाइना के साथ जुड़ाव महसूस करें. उनके दिलों में चाइना के लिए प्यार उमड़े. इस दौरान जिनपिंग ने तिब्बत में कम्युनिस्ट पार्टी को मजबूत करने पर जो दिया. लोगों को पार्टी की विचारधारा से जोड़ने की बात कही.

चीनी अधिकारियों के अनुसार इससे तिब्बत के लोगों में चाइना के प्रति सोच व धारणा में परिवर्तन होगा. राष्ट्रपति शी जिनपिंग के अनुसार तिब्बत को चाइना की राष्ट्रीय एकता से जोड़ा जाना चाहिए, जिससे वे अलगाववाद के विरूद्ध खुद खड़े हो सकेंगे.

चाइना ने यहां स्कूलों के पाठक्रमों को बदलने का कोशिश प्रारम्भ कर दिया है. जल्द यहां पर बच्चों को चाइना से जुड़ाव वाले पाठक्रमों को पढ़ाया जाएगा.