इस देश के साथ चीन की बढ़ी तकरार, राष्ट्रपति ने दी चेतावनी

ताइवान में हाल ही में हुए संसदीय चुनावों में जीत हासिल कर साई इंग वेन दूसरी बार ताइवान देश की राष्ट्रपति बन गई है।इन चुनावों में राष्ट्रपति वेन ने रिकॉर्ड बनाते हुए 82 लाख वोटों से जीत हासिल की है।

 

वहीं चीन प्रशासन का नेतृत्व राष्ट्रपति साई इंग वेन को पसंद नही करता है और चीन इस चुनाव में साई इंग वेन की हार देखना चाहता था।

लेकिन चीन की यह ख्वाहिश अधूरी रह गई।इससे पहले ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन और उनकी पार्टी ने चीन के इस दावे को खारिज कर दिया था कि ताइवान द्वीप चीन का हिस्सा है।जिससे दोनो में तकरार बढ़ गया था।

दूसरी तरफ चीन ताइवान को अपना देश का हिस्सा मानने का दावा करता रहा है और इसके चलते चीन प्रशासन ने इस बात की धमकी दी थी कि वह जरूरत पड़ने पर ताइवान पर कब्जा कर सकता है।

हालांकि दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद अपने पहले इंटरव्यू में ही राष्ट्रपति साई इंग वेन ने स्वतंत्रता घोषित करने की कोई औपचारिकता नही करते हुए इस बात को बताया है कि यह द्वीप पहले से ही स्वशासित है।पिछले 70 सालों से ताइवान अपना अलग प्रशासन संभाले हुए है और यहां का शासन चला रहा है।

न और ताइवान में एक बार से तकरार बढ़ने की संभावना व्यक्त की जा रही है क्यों कि चीन प्रशासन के खिलाफ ताइवान ने अपनी आजादी का मोर्चा खोल दिया है।

सूत्रों से मली जानकारी के अुनसार बताया गया है कि ताइवान की नव निर्वाचित राष्ट्रपति साई इंग वेन ने चीन प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि ताइवान द्वीप पहले से ही स्वतंत्र है और किसी भी तरह की कार्रवाई चीन प्रशासन को भारी पड़ सकती है।