चीन ने भारत की तरह घुमाया ये हथियार, तैनाती कर दी…सारी…

ब्लैक टॉप पर पोजिशन लिए जवानों को T-90 टैंक का कवर भी मिल रहा है, ब्लैक टॉप की बायीं तरफ स्पैंग्गुर गैप (Spanggur Gap) के पास T-90 टैंक की पूरी रेजिमेंट आदेश मिलते ही एक्शन में आने के लिए तैयार है. यानी कि टी-15 टैंक और भारतीय सेना की टी-90 टैंक सिर्फ साढ़े 9 किलोमीटर की दूरी पर तैनात है.

 

ब्लैक टॉप की ऊंचाई से करीब 100 मीटर नीचे चीनी टैंक साफ देखे जा सकते हैं.चीनी सेना ने इन्हें किसी भी एक्शन के लिए बिल्कुल तैयार रखा है. ऊंचाई पर पोजिशन लिए भारतीय सेना.

चीन के इन टैंकों और सैन्य तैनाती को देख सकती है- भारतीय सेना एंटी टैंक मिसाइल स्पाइक सिस्टम से लैस है यानि इशारा मिलते ही T-15 टैंक खाक में मिला दिए जाएंगे.

चीनी सेना को जवाब देने के लिए पैंगॉन्ग झील के दक्षिण छोर पर ब्लैक टॉप के इलाके में भारतीय सेना ने T-90 टैंक की रेजिमेंट को एक्टिव कर दिया है. चीन ने पहाड़ों पर लड़ने वाले हल्के टैंक T-15 को लद्दाख में खास तौर पर तैनात किया है.

ये आसानी से मूवमेंट में लाए जा सकते हैं- लेकिन चीन भूल रहा है कि उसके सामने खड़ी भारतीय सेना के पास T-90 युद्धक टैंक हैं- और इसे एक शब्द में कहें तो युद्धभूमि में ये बेजोड़ है.

भारतीय सुरक्षाबलों की इस एक्शन के बाद अब चीन धमकियां देने पर उतर आया है और सीमा पर अपनी तरफ T-15 टैंकों की भारी तैनाती कर दी है. आमतौर पर टैंक की तैनाती युद्ध के समय की जाती है जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि तनाव किस स्तर तक पहुंच गया है.

चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अपनी साजिशों से बाज नहीं आ रहा जिस वजह से दोनों देशों के सैनिकों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है.

पैंगॉन्ग झील के पास चीनी सैनिकों की घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करने के बाद भारतीय सेना के स्पेशल कमांडोज़ ने दक्षिण पैंगॉन्ग झील के पास ब्लैक टॉप की पहाड़ियों को अपने कब्जे में ले लिया है. सेना के इस एक्शन से चीन भौचक्का रह गया और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी हैरत में पड़ गई.