अमरीका के स्कूलों में बच्चों को दिए जाने वाले भोजन में हुआ यह बदलाव

अमरीका के स्कूलों में बच्चों को दिया जाने वाला दोपहर का भोजन अब ज्यादा पौष्टिक हो गया है. अब तक बच्चों की पसंद  स्वाद के हिसाब से भोजन की थाली कई तरह के जंकफूड से भरी रहती थी, लेकिन पिछले दिनों अमरीकी कांग्रेस पार्टी में नेशनल स्कूल लंच कार्यक्रम में परिवर्तन पर विमर्श के बाद अब इसमें परिवर्तन नजर आ रहा है. बच्चों में आ रही स्वास्थ्य संबंधी कठिनाई को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. हालांकि आरंभ में इसको लेकर बहुत ज्यादा कठिनाई आई, लेकिन अब धीरे-धीरे बच्चे इस परिवर्तन को स्वीकार करने लगे हैं.

अब बच्चों को खाने में सब्जी, ताजे फल, अंकुरित अन्न जैसे ऐसे ही पौष्टिक खाद्य पदार्थ दिए जा रहे हैं. पिछले दिनों एक टीम ने देश के आठ प्राथमिक स्कूलों में भोजन के बदले मैन्यू की जाँच की. जैसे फ्लोरिडा के ताम्पा में क्यूबाई सैंडविच, मिनियापोलिस में चिकन टिक्का मसाला और अचार आदि खाने में दिए जा रहे थे, वहां इन्हें संघीय नियमों के अनुसार बदला गया है. इसके अतिरिक्त सबसे कठिन भरा कार्य करने वालों (भोजन परोसने वाले) की प्रोत्साहन राशि को बढ़ाया गया है.

फल और सब्जियों के साथ आइसक्रीम भी
डाहो के सोरेंसन मैग्नेट स्कूल ऑफ द आट्र्स एंड ह्यूमेनिटीज का मैनू  स्कूलों में सबसे बेहतर माना गया. स्कूल की थाली में नारंगी गाजर  कीवी जैसे फल दिए जा रहे हैं. फ्लोरिडा के अपोलो बीच के डोबी प्राथमिक स्कूल में भुनी हुई फूलगोभी तो वर्मोंट के फेयस्टन प्राथमिक स्कूल में ताजा फलों के साथ अंडे भी दिए जाते हैं. सर्दियों के मेन्यू में अदरक, तिल की मिठाई होती है. कैलिफोर्निया में मिशन वीजो के बाथगेट प्राथमिक स्कूल में बच्चों को गाजर, नाशपाती, खीरे के स्लाइस, सेब  संतरा के अतिरिक्त किशमिश, दही  स्ट्राबेरी की आइसक्रीम भी शामिल है. टेनेसी के चैटनूगा के ईस्ट ब्रेनर्ड स्कूल में फ्रूट सलाद, सेब, गाजर, उबला आलू, हरी बीन्स के साथ चॉकलेट  वनिला आइसक्रीम दी जाती है.

भारत में मिड डे मील
भारत में मिड डे मील योजना 15 अगस्त 1995 को सारे देश के सरकारी स्कूलों में लागू की गई थी. इस योजना का उद्देश्य बच्चों को पोषणयुक्त भोजन उपलब्ध करवाकर कुपोषण को समाप्त करना है. इसके साथ ही मध्याह्न भोजन योजना से अभिभावकों को बच्चों की एजुकेशन के लिए प्रेरित करना भी है. हालांकि हमारे यहां भी सब्जी, दाल, अन्न  चावल दिए जाते हैं. राजस्थान में पिछली सरकार ने मध्याह्न भोजन योजना के भीतर हफ्ते में तीन बार बच्चों को दूध पिलाने की शुुरुआत की गई.

फैक्ट फाइल-
9.90 खरब रुपए खर्च करता है अमरीका हर साल स्कूल लंच कार्यक्रम पर
2.2 करोड़ बच्चों को फ्री, जबकि 18 लाख बच्चों को 28 रुपए में रियायती भोजन
15 अगस्त 1995 में प्रारम्भ हुआ मिड डे मील हिंदुस्तान में. बाद में सारे देश में लागू हुआ