चीन के साथ उलझा ये देश, कहा हमले की…उम्मीद

इस समय भारत, चाइना के साथ सीमा टकराव में उलझा हुआ है इसलिए पाक को उम्मीद है कि हिंदुस्तान कोई बड़ी जवाबी कार्रवाई करने की हालत में नहीं होगी।

 

हिंदुस्तान की तरफ से किसी बड़ी कार्रवाई की संभावना जताने वाले इमरान खान के कई बयान इस बड़ी साजिश को पुख्ता करते हैं। सेना ने इमरान खान से ऐसे बयान इसलिए दिलवाए ताकि बाद में ,’मैंने तो पहले ही बोला था,’ को बल मिल सके।

इससे पहले 13 मई को बडगाम में कार ने दो नाके तोड़े व ड्राइवर ने सीआरपीएफ के जवान की चेतावनी को अनसुना कर रॉन्ग साइड से कार निकालने की प्रयास की। जवान की गोलाबारी में एक युवक मारा गया। अब एजेंसियां मानती हैं कि ये एक ड्राई रन था ताकि सड़क पर सुरक्षा कर्मियों की चौकसी व जवाबी कार्रवाई को परखा जा सके।

आईएसआई व पाकिस्तानी सेना की स्पेशल फोर्स यानी एसएसजी द्वारा आतंकियों को ट्रेंड करने के जो खुफिया इशारा मिल रहे हैं वो साफ करते हैं कि अब बहुत अच्छे से ट्रेंड आतंकियों के जरिए बड़ा हमला करने की तैयारी की जा रही है।

बुधवार की रात 40 किलो से ज्यादा विस्फोटकों से लदी कार पाक की इस खतरनाक साजिश पर अमल करने निकली थी। इस कार का प्रभाव सुरक्षा बलों को ले जाती किसी गाड़ी या कैंप पर कितना भयानक होता ये गुरुवार को बम को नियंत्रित ढंग से उड़ाने के वीडियो से समझ में आता है। यानी दोबारा 2019 का पुलवामा दोहराया जाता व बड़ी तादाद में सुरक्षा कर्मियों की जान चली जाती।

एलओसी के पार 400 से 500 आतंकी घुसपैठ के लिए तैयार बैठे हैं व पहाड़ों पर बर्फ पिघलने से रास्ते खुल चुके हैं। बुधवार को ही आई एक पक्की खुफिया समाचार के मुताबिक आईईडी के एक्सपर्ट 4-5 आतंकी सुरक्षा बलों के काफिलों पर विस्फोटक भरी गाड़ियों के जरिए हमला करने की तैयारी में हैं। ये आतंकी श्रीनगर के पंथा चौक, सोपोर के टाउन हॉल, सोपोर-कुपवाड़ा बाईपास, बारामुला हाईवे या हंडवारा-बारामुला रोड के नाके पर काफिलों से गाड़ियां टकरा सकते हैं। यानी हर वो सड़क जहां से सुरक्षा बलों के काफिले निकलते हैं आतंकियों के निशाने पर हैं।

कश्मीर में आतंकियों के सफाए से परेशान पाक सुरक्षा बलों पर जबरदस्त हमले कर इसे जिंदा करना चाहता है। हिजबुल मुजाहिदीन, लश्क-ए-तैयबा व जैश-ए-मोहम्मद की कमर टूटने के बाद आईएसआई ने नया आतंकी रैकेट THE RESISTANCE FRONT यानी TRF लॉन्च किया है। किसी बड़े हमले के जरिए आईएसआई टीआरएफ को कश्मीर में आतंकवाद के नए चेहरे के तौर पर स्थापित करना चाहती है।