एक तरफ जहां राष्ट्र के पीएम की तरफ से पूरे राष्ट्र में ‘स्वच्छता अभियान’ के जरिए हिंदुस्तान को साफ रखने के लिए लोगों से अपील कर रहे हैं। वहीं, अपनी ही पार्टी की के सांसद स्वच्छता अभियान को ढकोसला बता रहे हैं। मामला यूपी के बहराइच का है। जहां की सांसद ने गवर्नमेंट के इस ‘स्वच्छता ही सेवा है’ अभियान को ढकोसला बता दिया।
का कहना है कि गवर्नमेंट राष्ट्र की जनता का माइंड डाईवर्ट कर उनको भ्रमित करने के लिये पूरे राष्ट्र में सफाई अभियान चला रही है। विवादित बयान देते हुए उन्होंने बोला की झाड़ू उन लोगों को लगानी चाहिए, जो आरक्षण व संविधान का विरोध कर रहे हैं।
आपको बता दें कि ये बयान उस वक्त सामने आया कि केंद्र की भाजपा गवर्नमेंट व राज्य सरकारों द्वारा राष्ट्र में जगह-जगह ‘स्वच्छता ही सेवा है’ अभियान के तहत स्वच्छता पखवारा मनाया जा रहा था। इसी क्रम में एक अक्टूबर को आरटीओ विभाग बहराइच की तरफ से स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए एक प्रोग्राम का आयोजन किया गया। यहां भाजपा का सांसद सावित्री बाई फुले को मुख्य मेहमान के रूप में बुलाया गया था।
कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंची सांसद जी ने झाड़ू को हाथ तक नहीं लगाया व उन्होंने कार्यकर्ताओं और अफसरों से सफाई का नाटक कराकर स्वच्छता अभियान को ढकोसला करार दे डाला। प्रोग्राम स्थल पर मौजूद सांसद ने झाड़ू उठाने से इंकार कर दिया व परिवाहन विभाग के साथ अन्य अधिकारियों को झाड़ू लगाने के आदेश दिए।
जब मीडिया ने उनसे झाड़ू न लगाने पर सवाल पूछा तो उन्होंने बयान देते हुए पूरे सफाई अभियान को ही ढकोसला बता दिया। उन्होंने बोला की झाड़ू उन लोगों को लगानी चाहिए, जो आरक्षण व संविधान का विरोध कर रहे हैं। आपको बता दें कि अपनी ही पार्टी के विरूद्ध विवादित देते रहती हैं।