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मेक इन इंडिया की बड़ी छलांग, मोरक्को की सेना के लिए 150 WhAP बख्तरबंद गाड़ियां बनाएगी टाटा

नई दिल्ली: भारत सरकार के मेक इन इंडिया अभियान को बड़ी सफलता मिली है। दरअसल भारतीय कंपनी टाटा मोरक्को की सेना के लिए 150 व्हील आर्मर्ड प्लेटफॉर्म (WhAP) वाहनों का निर्माण करेगी। WhAP एक बख्तरबंद वाहन है, जिसे भारत के सरकारी रक्षा संस्थान डीआरडीओ द्वारा विकसित किया गया है। रक्षा अधिकारियों ने बताया कि टाटा और मोरक्को के बीच 150 WhAP वाहन बनाने के समझौते पर हस्ताक्षर हो गए हैं। व्हैप को डीआरडीओ की व्हीकल रिसर्च एंड डेवलेपमेंट विंग द्वारा टाटा कंपनी के साथ मिलकर बनाया गया है।

मोरक्को को अगले तीन साल में सप्लाई किए जाएंगे 150 व्हैप वाहन
समझौते के अनुसार, मोरक्को की सेना को ये बख्तरबंद गाड़ियां अगले तीन साल में सप्लाई की जाएंगी। बख्तरबंद गाड़ियों का यह भारत को मिला सबसे बड़ा कॉन्ट्रैक्ट है। भारत की पैरामिलिट्री फोर्सेस ने भी इन बख्तरबंद गाड़ियों व्हैप का ऑर्डर दिया है। मोरक्को में व्हैप के परीक्षण बीते करीब सात माह चल रहे थे। भारत में डिजाइन और निर्मित किए गए आठ पहियों वाले इस बख्तरबंद वाहन को भारतीय सेना में भी शामिल किया जा चुका है।

टाटा व्हैप में जानिए क्या हैं खूबियां
टाटा व्हैप को डीआरडीओ प्रयोगशाला के साथ मिलकर विकसित किया गया है। यह वाहन कई परीक्षणों से गुजरा है जिसमें हाई एल्टीट्यूड टेस्ट (उच्च ऊंचाई परीक्षण) शामिल हैं। यह Tata Defence Combat Wheeled Armoured Amphibious Platform (टाटा डिफेंस व्हील्ड आर्मर्ड एम्फीबियस प्लेटफॉर्म) पर आधारित है। टाटा व्हैप में Amphibious Drive Mode (एम्फीबियम ड्राइव मोड) दिया गया है, जिससे यह जमीन और पानी दोनों जगहों पर आसानी से चलाए जा सकते हैं। इसके साथ ही इसमें हाइड्रो-न्यूमैटिक स्ट्रट्स और स्वतंत्र सस्पेंशन मिलता है। टाटा व्हैप में 10 से 12 लोग सफर कर सकते हैं। इसे टोही वाहन, पैदल सेना वाहक, या रसद वाहक के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। टाटा व्हैप की खासियत ये है कि ये दलदली इलाकों में भी चल सकता है और मजबूत इतना है कि लैंड माइन के विस्फोट को भी झेल सकता है।

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