भगवान गणेश की पूजा करने से पहले जान ले ये पूरी बात , जीवन पर पड़ेगा गहरा प्रभाव

इसके अलावा द्वार की देहली (डेली) बहुत ही मजबूत और सुंदर होना चाहिए। मंगलिक अवसरों पर भगवान का पूजन करने के बाद अंत में देहली की पूजा की जाती है।

 

देहली के दोनों ओर सातिया बनाकर उसकी पूजा करें। सातिये के ऊपर चावल की एक ढेरी बनाएं और एक-एक सुपारी पर कलवा बांधकर उसको ढेरी के ऊपर रख दें। इस उपाय से धनलाभ होगा।

आज हम आपको ऐसे ही वास्तु टिप्स बताने वाले है जिन्हें जातक को घर में साज सजावट के तौर पर अपनाना चाहिए। इसलिए इसमें बताया गया है भगवान गणेशजी की मूर्ति या उनकी आकृति को द्वार के बाहर ऊपर चित्रित या अंकित करना बहुत अच्छा होता है।

बता दें अगर घर के बाहर कर रहे हैं तो द्वार के भीतर और ऊपर भी यही करना जरूरी है। वास्तु के अनुसार इससे घर में किसी भी प्रकार की आर्थिक परेशानी नहीं होती और घर की सुरक्षा भी बनी रहती है।

इसलिए वास्तु विशेषज्ञ कहते हैं हर व्यक्ति को अपने जीवन में हर कार्य करने से पहले कहीं न कहीं वास्तु की जानकारी लेनी चाहिए। क्योंकि कहा जाता है कई बार कुछ लोग अपने जीवन में कुछ नए कार्य आरंभ करते हैं.

जिस दौरान वास्तु शास्त्र के कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक होता है, वरना काम अच्छे प्रभाव देने की बजाए अशुभ प्रभाव देने लगते हैं। तो वहीं इसके अनुसार कुछ ऐसे भी वास्तु टिप्स होते हैं जिनके अनुसार घर-परिवार को रखना चाहिए।

सनातन धर्म में देवों के देव महादेव के पुत्र भगवान गणेश को सर्वप्रथम का दर्जा प्राप्त है जिस अनुसार हर तरह के धार्मिक कार्य की शुरुआत इनकी ही पूजा से होती है।

मगर बहुत कम लोग जानते हैं कि वास्तु शास्त्र में भी इन्हें उतना ही महत्व प्राप्त है।वास्तु शास्त्र का हमारे जीवन पर बहुत ही गहरा प्रभाव पड़ता है।