बाजवा ने बढ़ते प्रदूषण को लेकर सरकार पर साधा निशाना, कहा :’कोई कहता है कि गाजर खाओ तो…’

राज्यसभा में देश में, विशेषकर दिल्ली में, वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तरों के कारण होने वाली स्थिति पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच काफी तीखी बहस भी हुई. इस दौरान सदन के कई सदस्यों ने बड़ी रोचक बातें भी रखीं.

बाजवा बोले- कोई कहता है कि गाजर खाओ कोई कहता है कि गाने सुनो

पंजाब से कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि मंत्री जी की रिपोर्ट से मैं सहमत नहीं हूं. अफसरों ने इन्हें रिपोर्ट सौंप दी और उन्होंने यहां रख दी. आप कह रहे हो कि पिछले तीन साल में वायु प्रदूषण कम हो रही है. जबकि वैश्विक एजेंसियां कह रही हैं कि दुनिया में सभी राष्ट्रीय राजधानियों में दिल्ली सबसे ज्यादा प्रदूषित है. जैसे संजय सिंह और मनोज झा ने कहा प्रदूषित शहरों की लिस्ट में 22 शहर हमारे हिन्दुस्तान के हैं.

बाजवा ने आगे कहा कि हमारे स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन का एक ट्वीट आता है कि प्रदूषण से बचने के लिए गाजर खाएं. आप हेल्थ सुधारने के बजाय हमें ये बता रहे हैं. दूसरा ट्वीट पर्यावरण मंत्री का आता है कि लोगों को दिन की शुरुआत म्यूजिक से करना चाहिए. क्योंकि उन्हें पता है कि लंग्स जम चुके हैं. गला बैठ चुका है, आंखें जवाब दे चुकी हैं. तो गाना गाओ गीत सुनो… एक कह रहे हैं गाजर खाओ एक कह रहे हैं गीत सुनो.

संजय सिंह ने सरकार की रिपोर्ट पर उठाए सवाल

दिल्ली से आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि दिल्ली सरकार के प्रयासों से दिल्ली के अंदर 25 प्रतिशत प्रदूषण कम हुआ. दिल्ली के अंदर ग्रीन कवर 12 प्रतिशत बढ़ाया गया. ऑड-ईवन बेहतर ढंग से चला. दो थर्मल पावर प्लांट बंद कराए गए. कंस्ट्रक्शन साइट बंद कराई गईं. 56 हजार मशीनें अलग-अलग राज्यों को दी गईं, ऐसा मंत्री जी ने कहा लेकिन सुप्रीम कोर्ट में जो रिपोर्ट गई वह कहती है कि केवल 20 हजार मशीनें दी गईं तो यह 36 हजार मशीनें कहां गईं. 10 शहरों की सूची में दिल्ली का नाम नहीं फिर भी दिल्ली को बदनाम किया जा रहा है.

विजय गोयल बोले- सांस लेना आज 25 सिगरेट के बराबर हो गया है

राजस्थान से बीजेपी सांसद विजय गोयल ने कहा कि गंगाराम अस्पताल की रिपोर्ट कहती है कि लंग्स से जुड़े मरीज बढ़ गए हैं. लोग शहर से भाग रहे हैं. सांस लेना आज 25 सिगरेट के बराबर हो गया है. नया बच्चा जो पैदा हो रहा है उसे आप कितनी जहरीली हवा दे रहे हैं. जल प्रदूषण इतना ज्यादा है कि बोतल का पानी पीना पड़ रहा है. एयर प्योरिफायर घर-घर पहुंच गया है.

मनोज झा बोले- राशि आवंटन से फाइलें गुलाबी हो जाती हैं लेकिन जिंदगी गुलाबी नहीं होती

बिहार से आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा कि मुझे सरकार की मंशा पर कोई शक नहीं है लेकिन अगर फिर भी स्थिति बेहतर नहीं हो रही है तो कुछ तो गड़बड़ है. मैं कुछ किसानों से मिला था उनसे चर्चा हुई तो उन्होंने कहा कि पराली तो हम सालों से जलाते आ रहे हैं तब तो प्रदूषण नहीं था. इंडस्ट्रियल पॉल्यूशन पर हम बात नहीं करते. किसान को गुनाहगार साबित कर देते हैं. अक्टूबर-नवंबर-दिसंबर महीने के बाद राशि आवंटन से फाइलें गुलाबी हो जाती हैं लेकिन जिंदगी गुलाबी नहीं होती.