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इस राज्य में पिछड़ते ही बिफरे ट्रंप, 2020 की तरह लगाए धोखाधड़ी के आरोप, धमकी भी दी

अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव दिलचस्प मोड़ पर हैं। जहां रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेट पार्टी की प्रत्याशी कमला हैरिस कई राज्यों में करीबी मुकाबले में उलझे हैं, वहीं स्विंग स्टेट के तौर पर पहचाने जाने वाले पेंसिलवेनिया में डोनाल्ड ट्रंप पिछड़ते दिख रहे हैं। फिलहाल यहा वोटों की गिनती जारी है, लेकिन दोनो नेताओ के बीच वोटों का अंतर काफी ज्यादा है। इस बीच डोनाल्ड ट्रंप ने 2020 की तरह ही इस बार भी पेंसिलवेनिया में पिछड़ने के बाद राज्य में धोखाधड़ी से जुड़े दावे कर दिए। उन्होंने इससे जुड़ा कोई सबूत नहीं दिया, हालांकि उन्होंने कानूनी कार्रवाई की धमकी दी।

इससे पहले पेंसिलवेनिया के फिलाडेल्फिया में जबरदस्त वोटिंग के दौरान ट्रंप ने कहा था कि शहर में बड़े स्तर पर धोखाधड़ी से जुड़ी बातें हो रही हैं। हालांकि, फिलाडेल्फिया के एक अधिकारी ने इन दावों को सिरे से खारिज कर दिया। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर धमकाने के अंदाज में लिखा, “कानूनी एजेसी आ रही हैं!!”

रिपब्लिकन उम्मीदवार ने अपने आरोपों के समर्थन में कोई सबूत नहीं दिया। हालांकि, वे 2020 में भी कुछ इसी तरह वोटर फ्रॉड का मुद्दा उठा चुके हैं। उनके इन आरोपों पर फिलाडेल्फिया के आयुक्त और रिपब्लिकन सेथ ब्लूस्टीन ने कहा कि इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। शहर में वोटिंग बिल्कुल सुरक्षित है। फिलाडेल्फिया पुलिस ने भी ट्रंप के आरोपों का कोई जवाब नहीं दिया।

रिपब्लिकन पार्टी ने पेंसिलवेनिया में उठाए वोटिंग पर सवाल
डोनाल्ड ट्रंप के साथ-साथ उनकी पार्टी भी पेंसिलवेनिया में वोटिंग को लेकर सवाल उठा चुकी है। हालांकि, राज्य के गवर्नर जॉश शपीरो ने पिछले हफ्ते ही ट्रंप और रिपब्लिकन पार्टी के आरोपों को नकार दिया था। 2020 में भी शपीरो ने वोटिंग में धोखाधड़ी से जुड़ी 43 चुनौतियों को गलत साबित कर दिया था।

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